नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने विवादित बयान पर कायम नजर आए। मध्य प्रदेश के लोगों को रोजगार देने के बयान पर कमलनाथ ने कहा, ''ये सब जगह है, मैंने कौन सी नई बात कही?'' बुधवार को बिहार की दो अदालतों में कमलनाथ के खिलाफ अलग-अलग परिवाद पत्र दाखिल किए गए। यह परिवाद पत्र कमलनाथ के उस बयान के विरोध में दायर किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग नौकरियां पा लेते हैं और मध्य प्रदेश के नौजवान रोजगार से वंचित रह जाते हैं।
बिहार के बेतिया में कमलनाथ के खिलाफ अधिवक्ता मुराद अली ने एक परिवाद पत्र दायर किया है। परिवाद पत्र में उन्होंने कहा है कि उन्हें अखबार के जरिए जानकारी मिली कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बयान दिया है कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों की वजह से मध्यप्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर कम हो गए हैं। इस बयान से उनकी भावना को काफी ठेस पहुंची है। कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर वादे के मुताबिक रोजगार नहीं दे पाने को लेकर निशाना साध रही है।
मध्य प्रदेश में शपथ लेने के बाद से ही कमलनाथ रोजगार पैदा करने की योजना की बात कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने कहा था कि हम देखते आ रहे हैं कि कई इंडस्ट्रीज में बिहार और उत्तर प्रदेश के युवक नौकरी करने लगते हैं जबकि मध्य प्रदेश के नौजवान बेरोजगार रह जाते हैं। मैं यूपी और बिहार से आए लोगों की आलोचना नहीं कर रहा हूं लेकिन कंपनियों को प्रदेश के लोगों के रोजगार के बारे में सोचना होगा।
कमलनाथ ने कहा ''मध्य प्रदेश में ऐसे उद्योगों को ही सरकार की तरफ से वित्तीय और अन्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा, जिसमें 70 प्रतिशत रोजगार मध्य प्रदेश के लोगों को दिया जाएगा। मैंने इससे संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
वहीं इस मामले पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नाराजगी जाहिर की थी। बिहार में परिवारवाद पत्र दाखिल करने वाले अधिवक्ता मुराद अली ने बताया कि कमलनाथ के खिलाफ परिवाद पत्र में भादवि की धारा 124-ए, 153 ए, 153 बी, 181 और 504 के तहत आरोप लगाए गए हैं। परिवाद में कहा गया है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 17 दिसंबर को शपथ ग्रहण के बाद से ऐसा बयान देकर उस शपथ का उल्लंघन किया है, जिसमें उन्होंने 'देश की एकता, अखंडता' का वचन लिया था।
इसके अलावा दूसरा परिवार पत्र दाखिल करने वाले हाशमी ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान से बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों का जहां अपमान हुआ है, वहीं यह बयान देश को तोड़ने वाला भी है। परिवाद पत्र में कमलनाथ के बयान को बिहार की प्रतिभाओं को अपमानित करने वाला बताते हुए अदालत से मुख्यमंत्री पर कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है।