मुंबई: मुंबई अंधेरी (ईस्ट) उपचुनाव से भाजपा ने अपने उम्मीदवार मुरजी पटेल का नाम वापस ले लिया. यह घोषणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने की। इससे शिवसेना उम्मीदवार ऋतुजा लटके की जीत अब लगभग तय हो चुकी है। ऋतुजा ने सभी का आभार जताया है। 3 नवंबर को अंधेरी पूर्व उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आज आखिरी दिन है।
महाराष्ट्र के अंधेरी (ईस्ट) निर्वाचन क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव में ऋतुजा लटके को क्रॉस पार्टी समर्थन मिला। शिवसेना विधायक रमेश लटके की मृत्यु के बाद वह इस सीट पर भाजपा ने मुरजी पटेल के खिलाफ चुनाव लड़ने उतरीं मगर उन्हें सभी राजनीतिक दलों से मिल रहे समर्थन के कारण भाजपा ने अपना प्रत्याशी वापस ले लिया। ऋतुजा लटके के समर्थन में सबसे पहले उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे आए थे।
राज ठाकरे ने अप्रत्याशित तौर पर भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर उनसे अपनी पार्टी के उम्मीदवार को वापस लेने का आग्रह किया था, जिससे ऋतुजा लटके उपचुनाव में निर्विरोध जीत सकें।
राज ठाकरे के आग्रह के कुछ घंटों बाद, आज एकनाथ शिंदे गुट के विधायक प्रताप सरनाइक ने भी शिंदे को पत्र लिखकर मांग की थी कि सभी दलों को ऋतुजा लटके का समर्थन करना चाहिए और उन्हें चुनाव जीतने देना चाहिए। भाजपा को अपना प्रत्याशी वापस ले लेना चाहिए।
रविवार को राज ठाकरे ने फडणवीस को पत्र लिखकर कहा था कि मैं रमेश लटके की राजनीतिक यात्रा का गवाह रहा हूं। लटके एक सामान्य कार्यकर्ता से विधायक बने। उनकी पत्नी का उनके निधन के बाद विधायक बनना दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि होगी। यह महाराष्ट्र की महान संस्कृति के अनुरूप है। मैं आशा करता हूं कि आप मेरा अनुरोध स्वीकार करेंगे। उनके पत्र का जवाब देते हुए फडणवीस ने कहा कि वह अकेले इस मामले में निर्णय नहीं ले सकते। इस मामले पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और मुख्यमंत्री शिंदे के साथ चर्चा की जानी चाहिए।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी भाजपा से अपना उम्मीदवार वापस लेने की अपील की। पवार ने कहा कि नए सदस्य (विधायक) का कार्यकाल सिर्फ डेढ़ साल का होगा। रमेश लटके की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के कारण उपचुनाव हो रहा है। उनके योगदान को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
अंधेरी पूर्वी विधानसभा सीट के लिए जब उपचुनाव की घोषणा हुई तो इसे बीएमसी चुनाव का सेमीफाइनल माना गया। कहा गया है कि इस उपचुनाव के नतीजे का संदेश बीएमसी तक जाएगी। इसलिए उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों खेमे के लिए यह लड़ाई काफी अहम मानी जा रही थी।
मराठी रुतुजा के आगे कमजोर साबित हो रहे थे गुजराती पटेल
अंधरी पूर्वी विधानसभा सीट की लड़ाई काफी रोचक होने वाली थी। एक तरफ जहां मराठी ऋतुजा लटके चुनाव उद्धव खेमे से उम्मीदवार थीं वहीं, बीजेपी-शिंदे कैंप की तरफ से मुरजी पटेल मैदान में उतरे थे, जो कि गुजराती हैं। उद्धव ठाकरे कैंप की तरफ से इस चुनाव को गुजराती बनाम मराठी बनाने की पूरी कोशिश की जा रही थी। ऐसा इसलिए कि इस सीट पर हिंदी और मराठी भाषी मतदाताओं का बोलबाला है। कुछ ही इलाकों में गुजरातियों की आबादी है। रमेश लटके के लिए भी मराठी वोटर एकजुट होकर वोट करते आ रहे थे। 2014 के मोदी लहर में भी उन्होंने इस सीट से जीत हासिल की थी। इतना ही नहीं, इस चुनाव में उद्धव के कैंडिडेट के पक्ष में सहानुभूति वोट की लहर चलने की प्रबल संभावना थी।
भाजपा हारती तो बीएमसी की लड़ाई होती मुश्किल
भाजपा और शिंदे कैंप अगर यह लड़ाई हारता तो आगामी बीएमसी चुनाव में काफी मुश्किल हो सकती थी। 50 से अधिक विधायकों और 12 सांसदों सहित संगठन के कई पदाधिकारियों की बगावत झेलने के बाद उद्धव ठाकरे काफी कमजोर नजर आ रहे हैं। ऐसे में अगर इस सीट पर वौट डाले जाते और उनकी पार्टी इस लड़ाई को जीत जाती तो उनके खेमे के लिए यह उत्साहवर्धन के लिए काफी महत्वपूर्ण होती। इस नतीजे से लबरेज होकर उद्धव बीएमसी चुनाव में उतरते।
गौरतलब है कि बृहन्मुंबई कॉरपोरेशन में क्लर्क के रूप में काम करने वाली ऋतुजा लटके उपचुनाव के लिए नामांकन तभी दाखिल कर सकीं, जब अदालत ने नगर निकाय को उनका इस्तीफा स्वीकार करने का आदेश दिया। पिछले सप्ताह नामांकन दाखिल करने वाले भाजपा उम्मीदवार मुरजी पटेल कहा था कि अगर पार्टी उनसे उनसे कहेगी तो वह अपनी उम्मीदवारी वापस ले लेंगे।