नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया है, जिससे बंगले में अवैध निर्माण को ढहाने का रास्ता साफ हो गया। हाईकोर्ट ने उनके जुहू स्थित बंगले पर बने अवैध निर्माण को दो सप्ताह के अंदर गिराने का आदेश दिया था। अदालत ने बीएमसी को अवैध निर्माण गिराने का आदेश देते हुए यह माना था कि बंगले के कुछ हिस्से के निर्माण में कोस्टल रेग्युलेशन जोन और फ्लोर स्पेस इंडेक्स का उल्लंघन किया गया है।
हाईकोर्ट ने कहा था कि बीएमसी राणे परिवार की कंपनी के आवेदन को स्वीकार नहीं कर सकती, जिसमें यह मांग की गई थी, कि वह अनधिकृत निर्माण को मंजूरी प्रदान कर दें। अदालत ने कहा था कि यदि इसे मंजूरी दी जाती है तो फिर बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण शुरू हो जाएंगे।
मुंबई हाईकोर्ट ने राणे पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था और एक सप्ताह के अंदर इसे जमा कराने का आदेश दिया था।
बीएमसी ने इसी साल जून में नारायण राणे की ओर से अवैध निर्माण को मंजूरी प्रदान करने के लिए बीएमसी के समक्ष पहली अर्जी दी गई थी, जिसे उसने खारिज कर दिया था। इसके बाद उनकी कंपनी ने जुलाई में दूसरा आवेदन दिया था, लेकिन उसे भी खारिज कर दिया गया। इस पर नारायण राणे की कंपनी ने हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन याचिका खारिज हो गई थी।