मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त और वर्तमान में होमगार्ड डीजी परमबीर सिंह को गुरुवार को निलंबित कर दिया गया। राज्य सरकार ने उनके खिलाफ दर्ज मामलों और सेवा नियमों के उल्लंघन के चलते तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित कर दिया है। परमबीर सिंह के साथ ही दूसरे मामले में आरोपी अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक पराग मनेरे को भी निलंबित किया गया है। पराग मनेरे ठाणे और मुम्बई में परमबीर सिंह के समय डीसीपी थे। जिस दिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को रीढ़ की सर्जरी के बाद 12 नवंबर को एक निजी अस्पताल से छुट्टी मिली, उसी दिन निलंबन आदेश को मंजूरी दी गई। एक अधिकारी ने कहा कि उनकी खामियों में ड्यूटी से अनाधिकृत अनुपस्थिति भी शामिल है।
सूत्रों ने कहा कि सिंह महाराष्ट्र होमगार्ड प्रमुख नियुक्त किए जाने के बाद पिछले छह महीनों से उपस्थित नहीं हुए हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य के आधार पर उन्हें 29 अगस्त तक की छुट्टी दी गई थी, लेकिन उसके बाद भी वह ड्यूटी पर नहीं आए।
मार्च में जब उन्हें एंटीलिया बम कांड की घटना के बाद मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया गया था, तब उन्होंने तत्कालीन राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोप लगाए थे। उन्होंने देशमुख पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों से मुंबई में रेस्तरां और बार से एक महीने में 100 करोड़ रुपए लेने के लिए कहा था, इस आरोप से देशमुख ने इंकार किया है।
इन आरोपों की जांच कर रहे जांच आयोग ने सिंह को अपना बयान दर्ज करने के लिए पेश होने का निर्देश दिया था, लेकिन मई से संपर्क से दूर रहे सिंह पिछले महीने ही पेश हुए।