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मुंबई (जनादेश ब्यूरो): पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को साफ कहा कि वे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में नए विपक्षी गठबंधन को देख रही हैं। ममता इस समय राष्‍ट्रीय स्‍तर पर खुद को स्‍थापित करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साध रही हैं। राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार से मुलाकात करने के बाद उन्‍होंने कहा, 'यूपीए क्‍या है? कोई यूपीए नहीं है।' पवार जो कि 2019 के आम चुनाव के पहले विपक्ष के प्रमुख वार्ताकार थे, ने इसे "टेम्पलेट फॉर 2024" का नाम दिया। उन्‍होंने इस मीटिंग का फोटो भी ट्वीट किया, 'पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के अपने मुंबई स्थित निवास पर मुलाकात कर प्रसन्‍नता हुई। हमने विभिन्‍न मुद्दों पर बात की। लोकतांत्रिक मूल्‍यों की रक्षा करने और लोगों की बेहतरी के लिए हम सामूहिक प्रयास पर सहमत हुए।'

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस के बिना गठबंधन होने की संभावना है, पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा का विरोध करने वालों का साथ आने को लेकर स्वागत है। किसी को बाहर करने का सवाल ही नहीं है।''

एनसीपी प्रमुखा ने कहा, ‘‘हमने मौजूदा स्थिति और सभी समान विचारधारा वाले दलों को साथ आने और भाजपा का एक मजबूत विकल्प प्रदान करने की आवश्यकता पर चर्चा की।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस समय नेतृत्व कोई मुद्दा नहीं है, हमें एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ काम करने की जरूरत है।''

यह पूछे जाने पर कि क्या वह चाहती हैं कि पवार कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के अध्यक्ष बनें, बनर्जी ने कहा, ‘‘अभी कोई यूपीए नहीं है।''

कल शाम ममता ने शिवसेना के आदित्‍य ठाकरे और संजय राउत से मुलाकात की थी. उद्धव ठाकरे के साथ उनकी मुलाकात इसलिए नहीं हो पाई थी क्‍योंकि महाराष्‍ट्र के सीएम उद्धव हाल ही में सर्जरी से गुजरे हैं और उन्‍हें आराम की सलाह दी गई है।

क्षेत्रीय दल साथ आएं तो भाजपा को हराना आसान: ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने कांग्रेस को सुझाव दिया था कि विपक्ष रणनीति बनाने के लिए एक सलाहकार परिषद का गठन किया जाए। इसमें नागरिक समाज की प्रमुख हस्तियां शामिल हों, लेकिन अफसोस इस बात का है कि यह योजना नहीं बनी। इसे अमल में लाना जरूरी नहीं समझा गया। ममता ने कहा कि चल रहे फासीवाद के खिलाफ किसी की लड़ाई के रूप में एक मजबूत वैकल्पिक रास्ता बनाया जाना चाहिए। अब यूपीए जैसी कोई चीज नहीं रही।

ममता ने यहां सिविल सोसायटी के कुछ सदस्यों से बातचीत में कहा कि अगर सभी क्षेत्रीय दल एक साथ आ जाते हैं तो भाजपा को हराना आसान होगा। उन्होंने कहा कि हम कहना चाहते हैं कि भाजपा हटाओ, देश बचाओ। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहती कि मेरा विपक्ष अपनी रणनीति बनाए। इसलिए मैं ज्यादा खुलासा नहीं कर रही हूं। 

यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा के खिलाफ विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करेंगी? बनर्जी ने कहा कि वह एक छोटी कार्यकर्ता हैं और ऐसे ही जारी रखना चाहती हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि राजनीति में निरंतर प्रयास जरूरी है। आप ज्यादातर समय विदेश में नहीं रह सकते। 

उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस को सुझाव दिया था कि विपक्ष को निर्देश देने के लिए एक सलाहकार परिषद होनी चाहिए, जिसमें नागरिक समाज की प्रमुख हस्तियां शामिल हों, लेकिन यह व्यर्थ रहा। बनर्जी ने कहा कि भाजपा सुरक्षित नहीं है और देश को सुरक्षित रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) जैसे कानूनों का दुरुपयोग किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी बंगाल में चुनाव लड़ सकती है तो फिर टीएमसी गोवा में क्यों नहीं लड़ सकती। मैं भाजपा को राजनीतिक तौर पर इस देश से बाहर देखना चाहती हूं। यदि कांग्रेस बंगाल में लड़ सकती है तो फिर मैं गोवा में क्यों नहीं लड़ सकती?  आपको भाजपा के खिलाफ मैदान में रहना होगा और लड़ना होगा वरना वह आपको बाहर फेंक देगी।

टीएमसी प्रमुख ने दावा किया कि यूएपीए आंतरिक सुरक्षा और बाहरी ताकतों से सुरक्षा के लिए है। यह आम लोगों के लिए नहीं है। यूएपीए का किसी भी चीज की तरह दुरुपयोग किया जा रहा है। आई-टी विभाग, सीबीआई ईडी का भी दुरुपयोग किया जा रहा है। बनर्जी ने कहा कि डरने की जरूरत नहीं है और वह आखिरी सांस तक लड़ेंगी।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को बेचने के खिलाफ हैं।

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