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मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे आयोग के सामने सोमवार को पेश हुए। सिंह के उपस्थित होने के बाद, न्यायमूर्ति के यू चांदीवाल आयोग ने उनके खिलाफ जारी जमानती वारंट को रद्द कर दिया और उनसे मुख्यमंत्री राहत कोष में 15,000 रुपये जमा करने को कहा। इस साल मार्च में एक सदस्यीय आयोग का गठन तत्कालीन गृह मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पाार्टी (राकांपा) नेता देशमुख के खिलाफ सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए किया गया था।

‘एंटीलिया’ बम कांड के बाद मार्च में मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से स्थानांतरित कर दिए गए सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारियों से शहर के बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के लिए कहा था। जबरन वसूली के एक मामले में यहां की एक अदालत द्वारा फरार घोषित सिंह छह महीने बाद पिछले बृहस्पतिवार को सार्वजनिक रूप से सामने आए और अपना बयान दर्ज कराने के लिए मुंबई अपराध शाखा के समक्ष पेश हुए।

उच्चतम न्यायालय ने उन्हें गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा दी है।

एक स्थानीय बिल्डर की शिकायत पर अपने और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज जबरन वसूली के मामले में सिंह शुक्रवार को ठाणे पुलिस के समक्ष पेश हुए।

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी के खिलाफ महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कम से कम पांच मामले दर्ज हैं।

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