मुंबई (जनादेश ब्यूरो): मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह आज (गुरुवार, 25 नवंबर) मुंबई के कांदिवली क्राइम ब्रांच के दफ्तर में जांच का सामना करने के लिए पेश हुए। सिंह अक्टूबर से ही फरार थे। कोर्ट द्वारा संपत्ति की जब्ती का आदेश दिए जाने के बाद परमबीर सिंह हाजिर हुए हैं।
दो दिन पहले ही मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने परमबीर सिंह के मुंबई के दोनों घर के दरवाजों पर प्रोक्लाइमेड ऑफेंडर (घोषित अपराधी) का नोटिस चिपकाया था। मंगलवार (23 नवंबर) को चस्पा किए गए इस नोटिस में परमबीर सिंह को 30 दिन के भीतर जांच एजेंसी या फिर अदालत के सामने हाजिर होने को कहा गया था।
इससे पहले परमबीर सिंह के वकील ने पूर्व पुलिस कमिश्नर के देश छोड़कर भागने के आरोपों को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वो देश मे ही हैं और उनकी जान को खतरा है इसलिए छुपे हुए हैं। परमबीर सिंह के वकील ने 48 घंटे के भीतर जांच में शामिल होने का दावा भी किया था।
परमबीर की अर्जी पर उनकी गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा रखी है।
परमबीर सिंह पर जबरन उगाही करने के आरोप हैं। 22 जुलाई को मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन ने परमबीर सिंह समेत पांच अन्य पुलिसकर्मियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक बिल्डर से कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में केस दर्ज किया था। आरोप है कि आरोपितों ने एक-दूसरे की मिलीभगत से शिकायतकर्ता के होटल और बार के खिलाफ कार्रवाई का डर दिखाकर 11.92 लाख रुपये की उगाही की।
परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार और जबरन वसूली के आरोप लगाए थे। इसके बाद जहां देशमुख की कुर्सी चली गई और वो जांच का सामना कर रहे हैं, वहीं परमबीर सिंह पर भी बाद में जबरन वसूली का केस दर्ज हो गया।