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मुंबई: आर्यन खान को बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद फिल्म इंडस्ट्री के लोगों समेत शाहरुख खान के तमाम फैन्स उन्हें बधाई दे रहे हैं। इस बीच एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेडे पर लगातार निशाना साध रहे महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने भी ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था, 'पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त।' इस पर एक चैनल से बातचीत करते हुए नवाब मलिक ने बताया कि शाहरुख खान की एक फिल्म है 'ओम शांति ओम', जिसका डायलॉग है 'पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त', जो इंटरवल के बाद आता है और परिस्थितियां बदल जाती है। वैसे ही कल जो इंटरवल हुआ उसके बाद परिस्थितियां बदल गईं।

उन्होंने कहा कि जो 2-3 तारीख को आर्यन खान को घसीटकर एनसाबी कार्यालय में ले जा रहे थे, वो आज पुणे पुलिस की कस्टडी में हैं। जो आर्यन खान और बाकी लोगों को बेल न मिले, इसका विरोध कर रहे थे वो बगल की कोर्ट में जाकर अर्जी लगा रहे थे कि जो मुंबई पुलिस ने कमेटी का गठन किया है उसे जांच से रोका जाए। जांच सीबीआई या एनआईए को दी जाए।

उन्होंने कहा कि जब ये याचिका कोर्ट में गई तो महाराष्ट्र पुलिस ने कहा कि हम वानखेडे जी को अरेस्ट करने से पहले 72 घंटे का नोटिस देंगे। जिसके बाद कोर्ट ने याचिका रद्द कर दी। एक दिन पहले वानखेडे जी ने कुछ लोगों को भेजा था कि नवाब मलिक को मीडिया और ट्विटर पर बोलने से रोका लगाई जाए। जो परिस्थिति 2 तारीख को थी वो 27 तारीख को बदल गईं।

शत्रुघ्न के बयान पर उन्होंने कहा कि जो मांग उन्होंने रखी है वह सही है। मैं उनका आभार मानता हूं। एक एनसीबी के आधिकारी का 26 मामले का पत्र मुझे आया था। जिसे मैंने डीजी एनसीबी को जांच के लिए भेजा था। रेजुलेशन कमिशनर का एक जीआर है, जिसके तहत जिस पर नाम न हो उसकी जांच जरूरी नहीं, इसके आधार पर उन्होंने जांच नहीं की। 22 नवंबर को मामला था जो नाइजीरियन व्यक्ति को नाजायज बताया गया। जिसने खबर दी उसी की खबर पर छापेमारी हुई, जो भाग गया। इन्होंने कपड़े का काम करने वाले दो नाइजीरिया के लोगों को पकड़ा। इनमें एक छोटा था, उसे छोड़ दिया और दूसरे को नाजायज जेल भेज में डाल दिया। जो कामले नाम का इनका गवाह था, उसने टीवी के सामने बयान दिया कि खाली कागजों पर साइन किया है। जिसके बाद डीजी साहब को पत्र लिखा गया कि इस तरह मामले को बंद मत कीजिए। सच्चाई सामने आई है तो 26 मामलों की जांच होनी चाहिए। हम कहते हैं कि वानखडे ने आज तक जितने भी केस बनाए हैं, उनमें 90% मामले फर्जी हैं, जो साबित हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि हम किसी को फर्जी मामले में फसाएंगे, अगर लोगों को ऐसा लगता है तो वो गलत हैं। वानखेडे साहब ने एक सप्ताह पहले मुंबई पुलिस के पास सुरक्षा की मांग को लेकर पत्र लिखा था। एक हफ्ते में ऐसा क्या हो गया कि उसी मुंबई पुलिस पर से उनका विश्वास उठ गया। हमें लगता है कि जिसकी भी कलाकारी है वह बाहर निकलेगी और बात निकली है तो दूर तक जाएगी।

मंत्री मलिक ने कहा कि 45 साल का मेरा राजनैतिक जीवन है। मैंने अपने जीवन में एक भी चिट्ठी किसी के खिलाफ शिकायत की नहीं लिखी। पहली बार मैं किसी के खिलाफ खड़ा हूं क्योंकि बेगुनाह लोगों को जेल भेजा गया। मेरा दामाद भी बेगुनाह था और उसको भी 8 महीने जेल में रखा गया. उसने मुझे बताया कि ऐसे सैंकड़ो बेगुनाह लोगों को इन्होंने जेल में रखा है। कुछ विदेशी नागरिकों को जिनका कोई नहीं है, उन्हें जेल में रखा गया है। कोई भी इंसान है और बेगुनाह है, उसके लिए लड़ना जरूरी है। समाज के हर वर्ग के लोगों से हमारा जुड़ाव है। कुछ चीजें हमने गूगल से निकाली हैं और कछ लोगों ने बताई है।

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