मुंबई (जनादेश ब्यूरो): बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को आखिरकार क्रूज़ ड्रग्स केस में बॉम्बे हाईकोर्ट से ज़मानत हासिल हो गई है। आर्यन के साथ ही इस मामले के दो अन्य आरोपियों अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को भी कोर्ट ने जमानत दे दी है। एनसीबी द्वारा 2 अक्टूबर को गिरफ्तार किए जाने के बाद से एनसीबी की हिरासत और बाद में मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद आर्यन खान को बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को ज़मानत दे दी। इससे पहले, सेशन्स कोर्ट और उससे भी पहले मजिस्ट्रेटी अदालत ने आर्यन खान को ज़मानत देने से इंकार कर दिया था। वह पिछले 26 दिन से पहले एनसीबी की कस्टडी और फिर जेल में ही बंद रहे हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट में आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत को लेकर मंगलवार से ही सुनवाई जारी थी। आर्यन खान की ओर से वरिष्ठ वकील व पूर्व सॉलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी ने आर्यन खान के पक्ष में दलीलें रखीं थीं। जबकि बुधवार को अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा के वकीलों ने अपनी जिरह पूरी कर ली थी। लेकिन एनसीबी का पक्ष अभी अदालत में रखा जाना बाकी था।
इसलिए तीनों ही आरोपियों का जमानत का इंतजार और लंबा हो गया।
इससे पहले, एनसीबी की ओर से एएसजी अनिल सिंह ने कहा कि आर्यन पिछले कुछ वर्षों से नियमित उपभोक्ता है और रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह ड्रग्स उपलब्ध करा रहा है और संदर्भ ड्रग्स की थोक मात्रा और व्यावसायिक मात्रा का है। वो ड्रग्स तस्करों के संपर्क में रहा है, इसलिए भले ही वह कब्जे में नहीं पाया जाता है, लेकिन प्रयास किया जाता है तो धारा 28 लागू होगी। अगर कोई साजिश है तो एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 की सख्ती जमानत के लिए स्वत: लागू हो जाएगी।
अदालत ने पूछा कि आप किस आधार पर कह रहे हैं कि उसने कमर्शियल मात्रा का सौदा किया है? तो एएसजी ने कहा कि व्हाट्सएप चैट के आधार पर मैं यह कह रहा हूं। यही नहीं, जब इन्होंने शिप को पकड़ा तो सभी के पास मल्टीपल ड्रग्स मिली, यह संयोग तो नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि कि फैसले बताते हैं कि एनडीपीएस एक्ट में जमानत, नियम नहीं, अपवाद है। सुप्रीम कोर्ट कहता है कि यह गैइरादतन हत्या से भी जघन्य अपराध है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।