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मुंबई: आर्यन खान गिरफ्तारी मामले में चर्चा में आए एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े से आज एनसीबी अधिकारियों ने लंबी पूछताछ की। एनसीबी के डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने जानकारी दी कि इस दौरान वानखेड़े ने अधिकारियों को दस्तावेज भी सौंपे। जरूरत पड़ने पर उनसे आगे की पूछताछ भी की जाएगी। जब तक कि उनके खिलाफ लगे आरोपों का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिलता वह क्रूज शिप ड्रग्स मामले में जांच अधिकारी बने रहेंगे। ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि आज हमने करीब चार घंटे तक समीर वानखेड़े का बयान दर्ज किया। उन्होंने टीम के सामने कई बातें रखीं। अगर जरूरी हुआ तो उनसे और दस्तावेज व सबूत मांगे जाएंगे। 

सैल और गोसावी से जांच में शामिल होने की अपील 

ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि एनसीबी की पांच सदस्यीय टीम ने आज प्रभाकर सैल के लगाए आरोपों को लेकर जांच की।

हमने दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र कार्यालय से ड्रग्स मामले में गवाह केवी गोसावी और प्रभाकर सैल को नोटिस भेजने को कहा, लेकिन उनसे संपर्क नहीं किया जा सका। मैं मीडिया के जरिए दोनों से अपील करना चाहता हूं कि जांच में शामिल हों और टीम को सबूत दें जो सीआरपीएफ मेस बांद्रा में ठहरी हुई है। 

डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा, गवाहों को बुलाया गया

इससे पहले समीर वानखेड़े पर लगे आरोपों की जांच को लेकर एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा था कि पहुंचते ही इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस टीम का गठन गवाह प्रभाकर सैल के द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए किया गया है। ज्ञानेश्वर ने कहा कि एनसीबी कार्यालय से एकत्र किए गए दस्तावेज और रिकॉर्ड के आधार पर गवाहों को बुलाया गया है और अब उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। 

उन्होंने आगे कहा कि इस जांच के लिए सभी भौतिक गवाहों को बुलाया जाएगा। हालांकि ज्ञानेश्वर ने किसी भी गवाह का नाम लेने से इनकार कर दिया। ज्ञानेश्वर सिंह क्रूज ड्रग्स मामले में जबरन वसूली के आरोपों की विभागीय सतर्कता जांच का नेतृत्व कर रहे हैं। हालांकि, वानखेड़े ने कहा बै कि मुझ पर लगाए गए सारे बेबुनियाद हैं। बता दें कि वानखेड़े ने आर्यन खान से जुड़े क्रूज शिप ड्रग्स पार्टी मामले की जांच का नेतृत्व किया था और बाद में उन पर जबरन वसूली के आरोप लगे। इसके बाद वे खुद जांच के दायरे में आ चुके हैं।

सभी अधिकारियों और गवाहों की भूमिका की होगी जांच: ज्ञानेश्वर सिंह

ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि मामले में शामिल सभी अधिकारियों और गवाहों की भूमिका की जांच की जाएगी और यह दर्ज किया जाएगा कि क्या उन्होंने इस तरह के अभियानों के दौरान नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम में उल्लिखित एनसीबी मैनुअल और प्रक्रियाओं का पालन किया था।

गवाह प्रभाकर सैल के आरोप के बाद शुरू हुई जांच

एनसीबी ने गवाह प्रभाकर सैल द्वारा किए गए दावों की जांच का आदेश दिया है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि मुंबई के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े सहित एजेंसी के कुछ अधिकारियों द्वारा बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की गई थी।

कार्रवाई से बचने के लिए समीर वानखेड़े ने कोर्ट में दिया था हलफनामा

वहीं इससे पहले समीर वानखेड़े की ओर से कोर्ट में दो हलफनामे दाखिल किए गए हैं। उन्होंने कोर्ट में कहा है कि एनसीबी की जांच को भटकाने का प्रयास हो रहा है। कई लोग गवाहों पर दबाव बना रहे हैं, जिससे गवाह मुकर गया है और जांच प्रभावित हो रही है। यहां तक कि उन्होंने यह भी कहा कि मेरे ऊपर दबाव बनाया जा रहा है और मुझे धमकी दी जा रही है। मेरी बहन, मरी हुई मां के साथ पूरे परिवार को भी टारगेट किया जा रहा है। 

वानखेड़े ने मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले को भी लिखा था पत्र

वानखेड़े ने रविवार को मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले को पत्र लिखकर सतर्कता से संबंधित एक कथित मुद्दे के संबंध में उन्हें गलत तरीके से फंसाने के लिए अज्ञात व्यक्तियों द्वारा संभावित कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा की मांग की थी। हालांकि उन्हें राहत नहीं मिल सकी है।

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