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मुंबई: बंबई हाई कोर्ट ने मंगलवार को 27 वर्षीय अरीब मजीद की जमानत का विशेष अदालत का आदेश बरकरार रखा। मजीद पर आईएसआईएस से संबंध होने का आरोप है। न्यायमूर्ति एसएस शिंडे और न्यायमूर्ति मनीष पिटले की एक खंडपीठ ने राष्ट्रीय अन्वेषण अिभकरण (एनआईए) की ओर से दायर उस याचिका का निपटारा किया, जिसमें उसने आईएसआईएस के कथित सदस्य मजीद को जमानत देने के फैसले को चुनौती दी थी।

पीठ ने कहा कि वह मुकदमा लंबित होने के आधार पर निचली अदालत के मजीद को जमानत देने का आदेश बरकरार रख रही है, ना कि मामले के गुण-दोष आधार पर। उच्च न्यायालय ने मजीद को एक लाख रुपये बतौर मुचलका जमा कराने और ठाणे जिले के कल्याण से बाहर नही जाने का निर्देश भी दिया, जहां वह रहता है।

एनआईए के अनुसार, मजीद कथित तौर पर आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने सीरिया गया था और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत लौटा है।

 

मजीद को एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और भादंवि के प्रावधानों के तहत 2014 में गिरफ्तार किया था। एनआईए की एक विशेष अदालत ने पिछले साल मार्च में मजीद को जमानत दे दी थी।

 

 

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