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मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को उस वक्त झटका लगा, जब पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय निरुपम ने बगावत कर दी। महाराष्ट्र में टिकट बंटवारे से नाराज संजय निरुपम ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ सीटों को छोड़कर महाराष्ट्र में पार्टी की जमानत जब्त होगी। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैं पार्टी छोड़ना चाहूंगा, लेकिन अगर पार्टी के भीतर चीजें इस तरह जारी रहती हैं, तो मुझे नहीं लगता कि मैं पार्टी में लंबे समय तक रह सकता हूं। मैं चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लूंगा।

शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संजय निरुपम ने कहा कि कांग्रेस के पूरे मॉडल में ही खामियां हैं। कांग्रेस पार्टी में योग्य लोगों के साथ न्याय नहीं किया गया। ऐसे लगता है कि जैसे पार्टी को संघर्ष करने वाले लोगों की जरूरत नहीं है। तीन-चार सीटों को छोड़ दिया जाए तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बाकी सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो जाएगी।  गौरतलब है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस नेताओं में अंदरूनी कलह उस वक्त सामने आ गई जब पार्टी की मुंबई इकाई के पूर्व प्रमुख संजय निरूपम ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऐसा लगता है कि पार्टी को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है और ऐसे में वह प्रचार नहीं करेंगे।

 

सूत्रों के मुताबिक निरुपम मुंबई की वर्सोवा विधानसभा सीट से अपने किसी करीबी के लिए टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी ने इनकार कर दिया। निरुपम ने कहा, ''मैं मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष और सांसद रहा हूं। मैंने सिर्फ एक सीट के लिए आग्रह किया था। फिर मेरी नहीं सुनी गई। ऐसा क्यों है? उन्होंने कहा, ''ऐसा लगता है कि पार्टी को मेरी सेवा की जरूरत नहीं है। इसलिए मैंने निर्णय किया है कि प्रचार से दूर रहूंगा। यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कोई बात हुई तो उन्होंने कहा कि उनके साथ उनकी कोई बात नहीं हुई।

उन्होंने इससे भी इनकार किया कि वह अब पार्टी छोड़ रहे हैं। इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पार्टी नेतृत्व उनसे जिस तरह का व्यवहार कर रहा है, उसे देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब वह पार्टी को अलविदा कह देंगे। निरूपम ने पार्टी के किसी नेता का नाम लिए बिना टि्वटर पर कहा, ''ऐसा प्रतीत होता है पार्टी मेरी सेवाएं अब और नहीं चाहती। मैंने विधानसभा चुनाव के लिए मुंबई में सिर्फ एक नाम सुझाया था। सुना है कि इसे भी खारिज कर दिया गया है। जैसा कि मैं पार्टी नेतृत्व को पूर्व में बता चुका था, ऐसी स्थिति में मैं चुनाव प्रचार में भाग नहीं लूंगा। यह मेरा अंतिम फैसला है।

उन्होंने उस व्यक्ति के नाम का भी उल्लेख नहीं किया जिसे वह उम्मीदवार बनवाना चाहते थे। पार्टी नेताओं के एक तबके की शिकायत के बाद निरूपम को इस साल लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में मुंबई कांग्रेस प्रमुख के पद से हटा दिया गया था। उनके खिलाफ शिकायत की गई थी कि वह ''एकतरफा ढंग से काम करते हैं।

निरूपम की जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिन्द देवड़ा को मुंबई कांग्रेस का प्रमुख बनाया गया था। हालांकि, देवड़ा ने आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद पिछले महीने पद से इस्तीफा दे दिया था।

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