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रालेगण सिद्धि: भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने देश में चुनाव संबंधी भ्रष्टाचार खत्म करने और तंत्र की सफाई के लिए व्यापक स्तर पर चुनाव सुधारों का आह्वान किया है। 81 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता हजारे ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि मतदाताओं में जागरुकता की कमी है और राजनीतिक दलों का उद्देश्य किसी भी तरीके से चुनाव जीतना होता है, जिससे राजनीति निचले स्तर पर आ जाती है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी स्थिति जारी रही तो उन्हें देश का कोई सुनहरा भविष्य नजर नहीं आता।

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले स्थित अपने पैतृक गांव में हजारे ने कहा कि मतदाता लोकतंत्र के खंभों में से एक है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा, लेकिन चुनाव के दौरान विभिन्न स्थानों से नकदी की जब्ती की रिपोर्टों को देखते हुए किसी को आश्चर्य हो सकता है कि मतदाता वोट डालने के लिए रुपये क्यों लेता है। हजारे ने महसूस किया है कि राजनीतिक दलों के येन-केन प्रकारेण सत्ता में आने की कोशिशों से राजनीति का अपराधीकरण हुआ है।

 

संसद और विधानसभाओं की पवित्रता खतरे में

उन्होंने कहा, संसद और राज्य विधानसभाओं की पवित्रता खतरे में आ गई है। अन्ना हजारे ने कहा कि वह भारत के संविधान में विश्वास रखते हैं जिसमें चुनाव चिह्न और राजनीतिक दलों का कोई उल्लेख नहीं है। पिछले छह सालों से मैं चुनाव चिह्न हटाने की मांग को लेकर चुनाव आयोग (ईसीआई) से पत्राचार कर रहा हूं। भारत का संविधान केवल व्यक्तिगत मान्यता प्रदान करता है।

शहीदों के बलिदान का इस्तेमाल गलत

गांधीवादी अन्ना हजारे ने कहा कि वोट मांगने के लिए शहीदों के बलिदान का इस्तेमाल करना दुखद था। उन्होंने बताया, जब सत्ता में आने के लिए कुछ भी करने की प्रवृत्ति होती है, तो इस तरह का कुछ दुरुपयोग देखने को मिलता है और मतदाता सो रहे होते हैं।

प्रधानमंत्री कार्यालय से जवाब नहीं मिलने पर दुखी

प्रधानमंत्री कार्यालय को कई मुद्दों पर लिखे गये अपने 32 पत्रों में किसी का जवाब नहीं मिलने को लेकर उन्होंने दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा हाल में नियुक्त लोकपाल उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है। हजारे ने कहा, लेकिन, मैं आश्वस्त हूं कि इससे भ्रष्ट गतिविधियों पर रोक लगेगी।

सही उम्मीदवार को वोट करेंगे

हजारे ने कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में 23 अप्रैल को अहमदनगर में मतदान करेंगे। उन्होंने बताया, मैं सही उम्मीदवार को वोट दूंगा या नोटा (इनमें से कोई नहीं) का बटन दबाऊंगा।

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