नई दिल्ली: भाजपा की तरफ से दो दिन पहले गुजरात के गांधी नगर लोकसभा सीट पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के उतारे जाने की घोषणा के बाद शिवसेना ने शनिवार को कहा कि लालकृष्ण आडवाणी भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता बने रहेंगे। गांधी नगर सीट से लालकृष्ण आडवाणी चुनाव लड़ते आ रहे थे। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में यह कहा गया कि अमित शाह राजनीतिक तौर पर भीष्म पितामह माने जाने वाले आडवाणी की जगह लड़ रहे हैं, जिन्हें भारतीय राजनीति से ‘जबरदस्ती’ रिटायर किया गया है।
संपादकीय में यह कहा गया- “लालकृष्ण आडवाणी को भारतीय राजनीति का भीष्म पितामह कहा जाता है। लेकिन, उनका नाम लोकसभा चुनावों में उम्मीदवारों की सूची में नहीं है। यह कोई हैरान करने वाली बात नहीं है।” शिवसेना ने कहा कि इसके बाद यह जाहिर होता है का भाजपा के आडवाणी युग का अंत हो गया है। संपादकीय में यह कहा गया- “अडवाणी छह बार गुजरात के गांधी नगर लोकसभा सीट से चुने गए। अब इस सीट से अमित शाह लड़ेंगे। इसका साधारण अर्थ यह है कि उन्हें जबरदस्ती रिटायर किया गया है।”
भाजपा में पीढ़ीगत बदलाव के बीच पार्टी ने अमित शाह को उम्मीदवार के तौर पर गांधी नगर से उतारा है।
91 वर्षीय आडवाणी ने बतौर केन्द्रीय मंत्री और उप-प्रधानमंत्री देश की सेवा की है। वह छह बार गांधी नगर से लोकसभा का चुनाव जीत कर संसद पहुंचे। नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में साल 2014 में भाजपा की शानदार जीत के बाद अमित शाह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया और आडवाणी को मार्गदर्शक मंडल का सदस्य बनाया गया। शिवसेना ने कहा- “आडवाणी भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी के साथ पार्टी के रथ को आगे बढ़ाया।”