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मुंबई: मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के पास फुटओवर ब्रिज के धराशाई होने से छह लोगों की मौत और 31 के घायल होने के बाद बीएमसी प्रशासन हरकत में आया है। मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त अजॉय मेहता ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मेहता ने मुख्य अभियंता (सतर्कता) को 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है। वहीं, मध्य रेलवे ने बीएमसी की जांच का स्वागत किया है। इस बीच, बीएमसी की प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि स्ट्रक्चर से संबंधित ऑडिट ठीक से नहीं किया गया। साथ ही बीएमसी ने ऑडिट में लापरवाही की आशंका भी जताई है।

रिपोट्स के मुताबिक, चीफ इंजीनियर एसओ कोरी और डिप्टी चीफ इंजीनियर आरबी तारे की जांच रिपोर्ट के आधार पर चीफ इंजीनियर एआर पाटिल और एसिस्टेंट इंजीनियर एस एफ ककुलते को सस्पेंड कर दिया गया है। बीएमसी के मुख्य अभियंता (सतर्कता) इस हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों और स्ट्रक्चरल ऑडिटर आदि की भूमिका की जांच करेंगे।

यह भी जांच होगी कि क्या इस पुल का स्ट्रक्चरल ऑडिट वैज्ञानिक तरीके से हुआ था या नहीं। इससे पहले अधिकारियों ने यह स्वीकार किया था कि पुल के रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी मध्य रेलवे की नहीं बीएमसी की थी।

वहीं, आजाद मैदान पुलिस ने इस घटना के खिलाफ भादंसं की धारा 304 ए और 33 के तहत मामला पंजीकृत किया है। पुलिस उपायुक्त मंजुनाथ शिंगे ने बताया कि सबसे पहले हम यह सत्यापित करेंगे कि जिम्मेदारी बीएमसी की थी या मध्य रेलवे की। हालांकि रेलवे के अधिकारी पहले से ही अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिए हैं।

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