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पुणे: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन का विवाद अब खुलकर सामने आने लगा है। शिवसेना ने साफ कर दिया है कि यदि लोकसभा चुनाव साथ लड़ना है तो विधानसभा चुनाव भी साथ लड़ना होगा और सीटों का बंटवारा भी अभी करना होगा। शिवसेना ने यह भी साफ कर दिया है कि यदि राज्य में भाजपा-शिवसेना की सरकार बनती है, तो मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा। जैसा कि पहले राज्य में हुआ था। पिछला लोकसभा चुनाव भाजपा और शिवसेना ने मिलकर लड़ा था। जिसमें दोनों दलों को शानदार सफलता मिली थी।

शिवसेना ने 18 और भाजपा ने 22 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार अभी तक दोनों के बीच साथ चुनाव लड़ने पर सहमति नहीं बन पाई है। भाजपा की तरफ से शिवसेना से बार-बार बातचीत की कोशिश हो रही है, लेकिन शिवसेना ने साफ कर दिया है कि गठबंधन होगा तो लोकसभा और विधानसभा दोनों के लिए होगा, वर्ना नहीं। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत के अनुसार, हमारा फार्मूला स्पष्ट है। केंद्र में भाजपा बड़ा भाई है तो राज्य में शिवसेना। भाजपा इस बात को माने। उसे अवगत करा दिया गया है।

वे कहते हैं कि भाजपा की तरफ से बातचीत के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन हम अपना रुख साफ कर चुके हैं। शिवसेना के प्रस्ताव के तहत वह राज्य में पूर्व के गठबंधन फार्मूले के तहत विधानसभा चुनावों में सीटों का बंटवारा चाहता है। जिसमें वह ज्यादा सीटें तो चाहती ही है, साथ ही मुख्यमंत्री भी अपना चाहती है।

बता दें कि पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा और शिवसेना ने अलग-अलग लड़ा था। तभी से शिवसेना भाजपा से नाराज है। हालांकि, वह केंद्र एवं राज्य दोनों जगह सरकार में शामिल है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव अक्तूबर में होने हैं। हालांकि, शिवसेना लोकसभा के साथ चुनाव कराने के पक्ष में है। यदि साथ चुनाव कराना संभव नहीं भी हुआ तो भी शिवसेना चाहती है कि सीटों का बंटवारा अभी हो जाए। भाजपा इस मुद्दे पर पशोपेस में है।

गौरतलब है कि 2014 विधानसभा चुनाव में शिवसेना और भाजपा का गठबंधन टूट गया। दोनों पार्टियों अलग अलग चुनाव लड़ा। प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ कांग्रेस राकांपा सरकार के साथ साथ अपने पुराने सहयोगी शिवसेना पर भी हमला किया। पीएम मोदी ने शिवसेना को हफ्ता बसूल पार्टी बताया और उसे सबक सीखाने की अपील की। बाद में नाटकीय घटनाक्रम के बाद केंद्र और राज्य दोनों जगह गठबंधन सरकार चल रही है। इस दौरान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, पीएम मोदी के स्पष्ट आलोचक हैं।

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