मुंबई: पुणे पुलिस ने दलित शिक्षाविद आनंद तेलतुम्बड़े को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें भीमा कोरेगांव हिंसा से संबंधित एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
मुंबई हवाई अड्डे पर गिरफ्तारी
एक अधिकारी ने बताया कि गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के प्रोफेसर आनंद तेलतुम्बड़े को शनिवार तड़के मुंबई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया। उन्हें मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया और बाद में पुणे पुलिस के हवाले कर दिया। पुणे पुलिस के संयुक्त आयुक्त शिवाजी बोडखे ने कहा, तेलतुम्बड़े को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। मामले की जांच कर रहे सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी पवार ने कहा, पुणे की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को तेलतुम्बड़े की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद हमने शनिवार को उन्हें गिरफ्तार करने का निर्णय लिया।
अदालती आदेश की अवहेलना
तेलतुम्बड़े के वकील रोहन नाहर ने उनकी गिरफ्तारी को अवैध बताया है। नाहर ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने तेलतुम्बड़े को 11 फरवरी तक गिरफ्तारी से छूट दे रखी है। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। हम इसके खिलाफ याचिका दायर करेंगे। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने भी तेलतुम्बड़े की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने कहा, डॉक्टर तेलतुम्बड़े की गिरफ्तारी उच्चतम न्यायालय के उस आदेश का बड़ा उल्लंघन है, जिसमें उन्हें गिरफ्तारी से 11 फरवरी तक छूट दी गई है। यह उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना है। तेलतुम्बड़े को तुरंत रिहा किया जाए।
माओवादी गतिविधियों का आरोप
गौरतलब है कि पुणे स्थित अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश किशोर वडाने ने शुक्रवार को पाया था कि जांच अधिकारी ने अपराध में आरोपी (तेलतुम्बड़े) की संलिप्तता दिखाने के लिए पर्याप्त सामग्री जुटाई है। अभियोजन पक्ष ने गुरुवार को साक्ष्यों वाला एक लिफाफा सौंपा था। साथ ही दावा किया था कि यह माओवादी गतिविधियों में तेलतुम्बड़े की संलिप्तता को साबित करता है।
भीमा-कोरेगांव हिंसा का मामला : तेलतुम्बड़े ने पुणे अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। उन्होंने यह कदम तब उठाया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने एल्गार परिषद मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी। पुलिस के अनुसार, माओवादियों ने पुणे में 31 दिसंबर 2017 को एल्गार परिषद सम्मेलन का समर्थन किया था। वहां भड़काऊ भाषण दिए गए जिसके अगले दिन भीमा-कोरेगांव युद्ध स्मारक पर हिंसा भड़क गई थी।
अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला
माकपा माकपा ने शिक्षाविद आनंद तेलतुम्बड़े की गिरफ्तारी को भाजपा सरकार की दमनकारी नीति का हिस्सा बताया है। माकपा पोलित ब्यूरो ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा, तेलतुम्बड़े की गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश का उल्लंघन है जिसमें कोर्ट ने उन्हें चार सप्ताह के लिए गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था, ताकि वह जमानत ले सकें। गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि 11 फरवरी को समाप्त हो रही है। पार्टी ने कहा, तेलतुम्बड़े की गिरफ्तारी अलोकतांत्रिक है। यह अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है, जिसका सभी लोकतांत्रिक-धर्मनिरपेक्ष संगठनों को एकजुट होकर विरोध करना चाहिए।