मुंबई: शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य अभियुक्त इंद्राणी मुखर्जी नहीं चाहती थी कि उनके मुंबई के वर्ली स्थित फ्लैट में 24 अप्रैल से लेकर 26 अप्रैल 2012 तक कोई अंदर आए। ये बातें फ्लैट के मैनेजर ने शुक्रवार को कोर्ट में बताई। मैनेजर ने बताया कि ये वो समय था जिस दौरान कथित तौर पर इंद्राणी मुखर्जी ने अपनी बेटी शीना की हत्या की और अपने बेटे मिखाइल की हत्या की साजिश रच रही थी। शीना बोरा का 24 अप्रैल 2012 को कत्ल किया गया और उसकी लाश को कथित रूप से पहले सूटकेस के अंदर बिल्डिंग के गैराज में छिपाई गई थी।
सीबीआई के स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर भारत बदामी और कविता पाटिल ने वर्ली की मार्लो बिल्डिंग के मैनेजर मधुकर खिलजी से 28वें गवाह के तौर पर पूछताछ की। यह वो बिल्डिंग है जिसमें इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी रहते थे। खिलजी ने कोर्ट से यह बताया कि मुखर्जी ने उनसे और अन्य लोगों से बोरा को अपनी बहन बताया था। उन्होंने कोर्ट में कहा- “23 अप्रैल 2012 को इंद्राणी मुखर्जी ने मुझे यह निर्देश दिए कि उनकी गैर मौजूदगी में वे फ्लैट के अंदर किसी को न आने दें।
उन्होंने यह भी बताया कि राहुल मुखर्जी (पीटर के बेटे) को भी 23 अप्रैल से अगले तीन दिनों के लिए अंदर जाने की इजाजत न दें।” खिलजी ने बताया कि निर्देश के चलते राहुल जिसकी शीना के साथ सगाई होने जा रही थी उसे बिल्डिंग में नहीं जाने दिया गया। उन्होंने कहा- “25-26 अप्रैल को राहुल सोसाइटी में आया लेकिन उसे फ्लैट के अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई।”