मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। शाह ने इस सवाल पर पार्टी के पत्ते नहीं खोले। उन्होंने केवल इतना कहा कि, "हम अपने और राजग के घटकों के बीच विभिन्न नामों पर चर्चा और विचार कर रहे हैं।" शिवसेना द्वारा सुझाए गए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और कृषि वैज्ञानिक एम.एस स्वामीनाथन के नामों पर उन्होंने आश्वासन दिया कि कोई भी फैसला लेने से पूर्व सभी नामों पर विचार किया जाएगा और चर्चा की जाएगी। भाजपा अध्यक्ष शाह यहां के तीन दिनों के दौरे पर हैं। वह राज्य में पार्टी संगठन को मजबूत करने आए हैं और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके मुलाकात करने का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि भाजपा राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम को अंतिम रूप देने से पहले अपने सभी सहयोगी दलों से परामर्श करेगी। शाह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम अपने सभी सहयोगी पार्टियों से परामर्श करेंगे और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर कोई फैसला करेंगे। वह शिवसेना के बयान के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। दरअसल, शिवसेना अक्सर ही मोदी सरकार की आलोचना करती रही है और उसने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर देश में हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन का नाम सुझाया है।
भाजपा के मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहने संबंधी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि उनका कहने का मतलब यह था कि यदि मध्यावधि चुनाव हम पर थोपा जाता है तो हम चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। शाह ने आजादी के बाद से नरेन्द्र मोदी को सबसे लोकप्रिय नेता बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री भारत को 2022 तक एक विश्व शक्ति में तब्दील करने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं। उस वर्ष राष्ट्र अपनी आजादी का 75 वीं वर्षगांठ मनाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी के तहत भारत दुनिया की सबसे तेज गति से वृद्धि करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भाजपा प्रमुख ने कहा कि मोदी ने प्रधानमंत्री पद की गरिमा बहाल की है। उन्होंने कहा कि पिछली संप्रग सरकार में हर मंत्री खुद को प्रधानमंत्री समझता था लेकिन किसी ने भी प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री नहीं समझा। उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने को लेकर मोदी की सराहना करते हुए कहा कि किसी और के पास ऐसा करने का साहस या क्षमता नहीं थी। शाह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत एक वैश्विक नेता के तौर पर उभरा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति और वंशवाद के शासन का खात्मा किया है। हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि सांप्रदायिकता, वंशवादी शासन और तुष्टिकरण (की राजनीति) खत्म करने की है।