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मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग से विभिन्न राजनीतिक दलों को एक समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को चुनावी रैली करने से प्रतिबंधित करने का अनुरोध किया। पनवेल नगर निगम चुनावों की तैयारी को लेकर आयोजित पार्टी की एक रैली में ठाकरे ने कहा, ‘चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सभी तरह की घोषणाएं करते हैं। जब सत्तारूढ़ पार्टी वादे करती है तब यह अन्य पार्टियों के नेताओं के दिए आश्वासन की तुलना में लोगों के मन पर कहीं अधिक असर डालती है।’ ठाकरे ने सत्तारूढ़ दलों के पदाधिकारियों पर बाद में चुनावी वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कल्याण-डोंबिवली नगर निगम के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 6,500 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन चुनावों के बाद एक भी रूपया नहीं दिया गया। ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपनी पार्टी को मजबूत करने की जगह देश को सशक्त बनाने के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि उसी प्रकार मुख्यमंत्री को हर चौक-चौराहों पर जाकर चुनावी रैली करने की बजाय किसानों की स्थिति और सूबे की कानून-व्यवस्था में सुधार के बारे में विचार करना चाहिए।

ईवीएम को हैक करने के लिए पार्टियों को चुनौती दिए जाने को लेकर चुनाव आयोग को आड़े हाथ लेते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा कि यदि पार्टियां ईवीएम हैक करने में सक्षम होती तो वे चुनाव प्रचार नहीं करती।

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