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जयपुर: एग्जिट पोल के अनुमानों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि इससे पहले भी कई बार एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इन चुनावों में निर्वाचन आयोग निष्पक्ष नहीं रहा यह सिद्ध हो गया है। अपने निवास पर संवाददाताओं से बातचीत में गहलोत ने एग्जिट पोल के रुख पर कहा, ‘'इससे पहले भी कई बार एग्जिट पोल आये थे और पूरी तरह गलत साबित हुए थे। और तो और 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान भी इंडिया शाइनिंग व फील गुड जैसे विज्ञापनों के जरिये माहौल बनाया गया और एग्जिट पोल उनके पक्ष में आये पर सरकार बनी संप्रग की जो दस साल रही।’'

गहलोत ने कहा कि उन्होंने राज्य में कांग्रेस के सभी 25 प्रत्याशियों से बात की है और '‘एग्जिट पोल से किसी तरह का कोई भ्रम पैदा नहीं हुआ है। सब समझते हैं और जानते हैं कि एग्जिट पोल के नतीजों से क्या रहने वाला है।'’

मध्य प्रदेश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर गहलोत ने कहा, '‘मध्यप्रदेश की सरकार पूरी तरह मजबूत है। पांच साल चलेगी सरकार चाहे मध्यप्रदेश हो, राजस्थान हो या छत्तीसगढ हो... हां भाजपा के कुछ साथियों को सपने आने लग गये है वो उनके सपने चकनाचूर हो जायेंगे।’'

ईवीएम को लेकर की विपक्ष द्वारा की जा रही आपत्तियों पर गहलोत ने कहा कि जब उच्चतम न्यायालय खुद इससे सहमत हो गया था कि ईवीएम में गड़बड़ हो सकती है, छेड़छाड़ हो सकती है तभी तो उसने वीवीपैट का प्रावधान किया। निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठने पर गहलोत ने कहा, ‘‘निष्पक्षता पर सवाल नहीं उठ रहे हैं, निर्वाचन आयोग निष्पक्ष रहा ही नहीं है, यह सिद्ध हो गया है पूरे चुनाव में। आजादी के बाद पहली बार आयोग पर जिस तरह से आरोप लगे हैं ऐसे पहले कभी नहीं लगे थे।’'

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