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जयपुर: गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद अगले साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। लिहाजा राज्य की वसुंधरा सरकार अभी से नाराज गुटों को मनाने की कवायद में जुट गई है। इसी कड़ी में वसुंधरा सरकार ने राज्य में गुजरों को 5 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है।

इसके लिए वसुंधरा सरकार 21 फीसदी से ओबीसी कोटा बढ़ाकर 26 फीसदी कर दिया है। ओबीसी कोटा को बढ़ाए जाने पर लंबे समय से विचार चल रहा था। अब जाकर राज्य की वसुंधरा राजे सरकार ने गुर्जर समेत 5 अन्य जातियों को अलग से आरक्षण देने के लिए विधानसभा में यह बिल पारित करवाने में कामयाब हुई।

ये जातियां पहले स्पेशल बैकवर्ड क्लास की कैटेगरी में शामिल थीं। बिल पारित होने के बाद इस पर राज्यपाल की मुहर लगेगी और नई आरक्षण व्यवस्था राज्य में लागू हो जाएगी। हालांकि इस बिल के विधानसभा से पारित होने के बाद भी खतरा मंडरा रहा है। पिछली बार राज्य सरकार की ऐसी ही एक कोशिश पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी।

कोर्ट का कहना था कि ऐसा होने पर आरक्षण की सीमा बढ़कर 54 फीसदी हो जाती है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार देश में 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण की व्यवस्था नहीं की जा सकती है। हालांकि इस बिल को पारित कराने के पीछे राजस्थान सरकार का तर्क है कि ओबीसी की आबादी बढ़ने पर ओबीसी आरक्षण की सीमा बढ़ाई जा सकती है। काफी लंबे समय से राजस्थान में गुर्जर समाज आरक्षण की मांग कर रहा है और इसके लिए कई आंदोलन भी हुए हैं।

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