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धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आज उस समय हड़कंप मच गया, जब विधानसभा भवन के बाहर मुख्य द्वार और चारदिवारी पर खालिस्तानी झंडे बंधे नजर आए। इन झंडों पर खालिस्तान लिखा हुआ था। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने फौरन इन झंडों को मौके पर जाकर उतार दिया। पुलिस ने बताया कि यहां के स्थानीय लोगों ने अहले सुबह विधानसभा के मेन गेट पर काले झंडे लगने की सूचना दी थी। पुलिस ममाले की गहनता से जांच में जुटी है। इस विधानसभा परिसर में सिर्फ शीतकालीन सत्र की बैठकें होती हैं।

धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा भवन का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में विधानसभा भवन के बाहर मेन गेट पर खालिस्तानी झंडे नज़र आ रहे हैं। ये झंडे किसने लगाए हैं, इसकी जांच पड़ताल चल रही है। वहीं मामले की सूचना मिलते ही पुलिस और एसडीएम शिल्पी वेकटा भी मौके पर पहुंची।

विधानसभा की दीवारों पर भी खालिस्तान लिखा गया है। अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि ये झंडे किसने यहां पर लगाए हैं।

फिलहाल पुलिस स्थानीय लोगों से पूछताछ कर ये पता लगाने में जुटी है कि आखिर ये झंडे किसने और क्यों लगाए हैं?

कांगड़ा के एसपी खुशाल शर्मा ने मीडिया से कहा, "यह आज देर रात या सुबह-सुबह हुआ होगा। हमने विधानसभा गेट से खालिस्तान के झंडे हटा दिए हैं। यह पंजाब के कुछ पर्यटकों का कार्य हो सकता है। हम केस दर्ज करने जा रहे हैं।"

26 अप्रैल को जारी एक खुफिया अलर्ट में कहा गया था कि ऐसी घटना हो सकती है। अलर्ट में दावा किया गया था कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र जारी कर कहा था कि शिमला में भिंडरावाला और खालिस्तान का झंडा फहराया जाएगा।

बता दें कि इससे पहले, हिमाचल प्रदेश ने भिंडरावाले और खालिस्तानी झंडे ले जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था, इससे एसएफजे उत्तेजित हो गया था। संगठन ने घोषणा की थी कि वह 29 मार्च को खालिस्तानी झंडा फहराएगा लेकिन भारी सुरक्षा के कारण ऐसा नहीं कर सका।

राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस घटना की निंदा की है और कहा है कि इस विधानसभा में केवल शीतकालीन सत्र ही होता है इसलिए यहां अधिक सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता उसी दौरान रहती है।

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