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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को पार्टी के विभिन्न सहयोगी संगठनों के कामकाज की समीक्षा की और उनसे कहा कि वे सरकार की ओर से शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाएं। दोबारा पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद अमित शाह ने पहली बार भाजपा के विभिन्न मोर्चों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उनके साथ बैठक की। इन सहयोगी संगठनों की विभिन्न गतिविधियों का जायजा लेने के बाद मोदी ने सरकार की योजनाओं में सुधार के लिए उनसे सुझाव मांगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि शाह ने विभिन्न मोर्चों से कहा कि वे समाज के सभी वर्गों तक पहुंच बनाएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकार की विभिन्न योजनाएं उन तक पहुंचें। बैठक के दौरान शाह ने विभिन्न मोचरें की योजनाओं की चर्चा की और उनसे कहा कि वे अपने कार्य में निरंतरता बनाए रखें।

नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को सरकार पर नेट न्यूट्रिलिटी पर फैसले को बार-बार चर्चा के बहाने लंबित करने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ‘डिजिटल इंडिया’ बड़े सुदूर निगमों द्वारा नियंत्रित इंटरनेट के लिए ‘मीठी मीठी बात’ नहीं बन सकता। राहुल ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से ‘इंटरनेट के लिए आजादी’ और ‘नेट न्यूट्रिलिटी’ की वकालत की है और पार्टी चाहती है कि इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी)-दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) और सरकार को इंटरनेट पर समस्त डाटा को एक समान मानना चाहिए। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने एक बयान में कहा, ‘डिटिजल इंडिया के साथ लोगों की इंटरनेट तक, पूरे इंटरनेट तक पहुंच और बढ़े और वेब पर मुख्य रूप से कोई फिल्टर नहीं लगे।

नई दिल्ली: रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि पहले जिंदगी छीनी गई, अब वे उसकी पहचान भी छीन लेना चाहते हैं। रोहित और उसका संघर्ष हमारे दिलों में जिंदा है। राहुल गांधी के इस बयान को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के उस वक्तव्य का जवाब माना जा रहा है, जिसमें सुषमा ने कहा है कि रोहित वेमुला दलित नहीं था और इस सारे मामले को बेवजह तूल दिया गया है। सुषमा स्वराज ने शनिवार को कहा कि इस मामले के तथ्य सामने आ गए हैं और जो मेरी जानकारी है उसके मुताबिक छात्र दलित समुदाय से नहीं था। उसे दलित कहकर पूरे मामले को कुछ लोगों ने एक सांप्रदायिक तरीके से उठाया।

नई दिल्ली: बुनियादी ढांचा निर्माण को एक प्रमुख चुनौती बताते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश को अगले कुछ साल में सड़कों, बंदरगाहों व हवाई अड्डों के निर्माण के लिए 1,000 अरब डॉलर की जरूरत होगी। गडकरी ने एक न्यूज़ चैनल पर अपनी बात रखते हुए कहा कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत को नई सड़कों, बंदरगाहों और हवाई अड्डों के लिए अगले कुछ साल में 1,000 अरब डॉलर या 67,00,000 करोड़ रुपए की जरूरत है। गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार देश के बुनियादी ढांचे में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी कर रही है और इस प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लिए धन की कोई कमी नहीं है। अपनी बात पूरी करते हुए गडकरी ने कहा ‘धन की कोई समस्या नहीं है, सोच की जरूरत है। दुर्भाग्य से हमारी अफसरशाही में उत्साह की कमी है।’

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