ताज़ा खबरें
महाकुंभ में फंसे लोगों को राहत देने की व्यवस्था करे सरकार:अखि‍लेश
राष्ट्रपति ने दिया विकसित भारत का संदेश, कुंभ हादसे पर जताया दुख
महाकुंभ भगदड़ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जनहित याचिका हुई दायर
महाकुंभ भगदड़: बंगाल के परिवारों का शव बिना मृत्यु प्रमाण पत्र के सौंपे
हमास ने 8 बंधक छोड़े, इजरायल ने फलस्तीनी कैदियों को नहीं किया रिहा
राहुल ने नाव में बैठकर पूछा-केजरीवाल जी, यमुना में डुबकी कब लगाएंगे
संसद का बजटसत्र रहेगा हंगामेदार, महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा भी गूंजेगा

नई दिल्ली: केंद्र ने अरुणाचल प्रदेश के राजनीतिक संकट पर राज्य के राज्यपाल को भेजा गया सुप्रीम कोर्ट का नोटिस वापस लेने का कोर्ट से अनुरोध किया, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा को जारी नोटिस वापस ले लिया। कोर्ट इस तर्क से सहमत था कि राज्यपाल को न्यायिक कार्यवाही में पूरी छूट प्राप्त है। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और संसदीय सचिवों के कार्यालयों से जब्त सारी फाइलों और दस्तावेजों की प्रतियां शुक्रवार तक उन्हें मुहैया कराई जाए। गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को केंद्र ने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सफाई भी दी थी। केंद्र ने कहा था कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता है और ऐसे में पड़ोसी देश चीन से भी ख़तरा है। राज्यपाल की ओर से भी अपना पक्ष कोर्ट को दिया जा चुका है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को लागू न करने को लेकर कुछ राज्यों को आज फटकार लगाते हुए कहा कि संसद द्वारा पारित कानून को आखिर गुजरात जैसा राज्य क्यों कार्यान्वित नहीं कर रहा है। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अगुवाई वाली एक पीठ ने कहा, ‘संसद क्या कर रही है? क्या गुजरात भारत का हिस्सा नहीं है? कानून कहता है कि वह पूरे भारत के लिए है और गुजरात है कि इसका कार्यान्वयन नहीं कर रहा है। कल कोई कह सकता है कि वह आपराधिक दंड संहिता, भारतीय दंड संहिता और प्रमाण कानून को लागू नहीं करेगा।’ पीठ ने केंद्र से कहा कि वह सूखा प्रभावित राज्यों में मनरेगा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और मध्याह्न भोजन जैसी कल्याणकारी योजनाओं की स्थिति के बारे में जानकारी एकत्र करे। केंद्र से पीठ ने 10 फरवरी तक हलफनामा दायर करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई दो दिन बाद नियत कर दी।

नई दिल्ली: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के मंगलवार को 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं और पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा पेश इस योजना की शुरू में आलोचना करने वाली राजग सरकार ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि एक दशक में इसकी उपलब्धियां राष्ट्रीय गर्व और उत्सव का विषय है। अपने बयान में सरकार ने हालांकि दावा किया कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान यह कार्यक्रम पटरी पर लौटा है। साथ ही यह घोषणा भी की कि आने वाले वर्षों में इस कार्यक्रम से जुड़ी प्रक्रियाओं को और सरल और मजबूत बनाने तथा इसके द्वारा गरीबों के लाभ के मकसद से सतत परिसम्पत्ति के रूप में विकसित करने पर होगा। मनरेगा सम्मेलन 2016 के दौरान मुख्य संबोधन में कल वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं करने की उम्मीद है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना के बारे में मीडिया में आई खबरों से इनकार करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने रविवार को कहा कि गोवा में शनिवार को की गई उनकी टिप्पणी को ‘पूरी तरह से गलत रूप में समझा गया’ और तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। लेकिन उन्होंने कल जो टिप्पणी की थी उससे संकेत मिल रहा था कि वह बिना नाम लिये मोदी की आलोचना कर रहे हैं। डोना पाउला में कल ‘डिफिकल्ट डायलॉग’ सम्मेलन की परिचर्चा में सिन्हा ने मोदी का नाम लिये बिना कहा था, ‘भारत के लोग उन्हें धूल चटा देंगे, आपको सिर्फ अगले चुनावों का इंतजार करना होगा।’ सिन्हा ने आज इनकार किया कि उन्होंने मोदी का कोई संदर्भ दिया था। उन्होंने कहा, ‘यह पूरी तरह से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। जिस किसी ने भी यह रिपोर्टिंग की उसने मेरी कही बातों को पूरी तरह गलत रूप में समझा।’

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख