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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष अदालत में दावा किया कि पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन ने गैरकानूनी तरीके से 742.58 करोड़ रुपये की राशि बनाई। उनके तथा अन्य आरोपियों के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस सौदे से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में प्रथमदृष्टया पर्याप्त प्रमाण हैं। ईडी ने सोमवार को विशेष अदालत में आरोप लगाया कि दयानिधि ने 742.58 करोड़ रुपये की गैरकानूनी राशि जुटाई। इसे अपने भाई कलानिधि मारन की कंपनियों में लगाया और इसे साफसुथरी कमाई के रूप में दिखाया। इस मामले में कलानिधि सह आरोपी हैं। प्रवर्तन निदेशालय के विशेष अधिवक्ता नवीन कुमार माट्टा ने दलील दी कि आरोपी सक्रिय रूप से अपराध की कमाई प्राप्त करने में शामिल रहा। उसने यह राशि मारीशस की विभिन्न इकाइयों के जरिए हासिल की।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संपत्ति के ब्योरे से लगता है कि वह अपने पास ज्यादा नकदी नहीं रखते और उनकी कुल परिसंपत्ति बढ़कर 1.41 करोड़ रुपए हो गई है। परिसंपत्ति में वृद्धि में मुख्य योगदान एक रिहायशी परिसम्पत्ति का है जो 13 साल पहले उन्होंने खरीदी थी और उसका मूल्य तब से 25 गुना से अधिक बढ़ चुका है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा मोदी की परिसंपत्तियों के बारे में ताजा ब्यौरे के अनुसार पिछले वित्त वर्ष के अंत में मोदी के ‘हाथ में कुल नकदी’ मात्र 4,700 रुपए थी। यह वित्त वर्ष के मध्य में 18 अगस्त 2014 को घोषित विवरण में दिखायी गयी 38,700 रुपए की नकदी से कम है।

नई दिल्ली: वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अर्चना रामासुंदरम को सोमवार को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का महानिदेशक नियुक्त किया गया। वह किसी अर्द्धसैनिक बल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी होंगी। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा जारी आदेश के अनुसार 58 वर्षीय अर्चना रामासुंदरम फिलहाल राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की निदेशक हैं। उन्हें अगले साल 30 सितंबर को उनके सेवानिवृत्त होने तक एसएसबी प्रमुख के तौर पर नियुक्त किया गया है। एसएसबी पर नेपाल और भूटान से लगे देश के सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है

नई दिल्ली: मनरेगा और खाद्य सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के संदर्भ में स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि इससे एक तरफ गुजरात मॉडल का दूसरा सच सामने आया है, तो दूसरी तरफ खाद्य सुरक्षा कानून जैसे कार्यक्रमों पर राज्य एवं केंद्र की नैतिक एवं राजनीतिक जवाबदेही के साथ कानूनी जवाबदेही का सवाल भी उठा है। योगेंद्र यादव ने कहा, कोई तो है, जो गुजरात मॉडल का दूसरा सच सामने लाने में सहायक हो रहा है। उन दो राज्यों में से एक गुजरात है जहां खाद्य सुरक्षा कानून लागू नहीं हुआ। दूसरा राज्य उत्तर प्रदेश है। उन्होंने कहा, यह पहला मौका है जब अदालत के स्तर पर सूखे और आपदा को लेकर सरकार की जिम्मेदारी और जवाबदेही का विषय उठाया गया है।

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