मुंबई: बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं। दरअसल, संजय दत्त की समय से पूर्व रिहाई के मामले में आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने संजय को 1993 के बम विस्फोट मामले में दी गई सजा की अवधि से 8 महीने पहले रिहा और वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने के आरोपों पर दोबारा जांच करने के आदेश दिए हैं। महाराष्ट्र सरकार के मुताबिक, अगर संजय को जेल के अंदर वीआईपी ट्रीटमेंट मिलने की बात सच साबित हुई तो उन्हें दोबारा जेल भेज दिया जाएगा। सरकार ने कहा, अगर संजय को पैरोल या फर्लो देने में नियम तोड़े गए हैं तो उन्हें वापस जेल भेजे जाने पर सरकार को कोई एतराज नहीं है। बता दें कि संजय को मुंबई सीरियल धमाकों में अवैध हथियार रखने पर दोषी पाए गए थे। 2013 में संजय ने आत्मसमर्पण किया था। लेकिन अच्छे बर्ताव को देखते हुए संजय को 8 महीने पहले ही फरवरी 2016 में रिहा कर दिया था। सजा के दौरान संजय कई बार जेल से बार भी आए थे। बता दें कि इससे पहले इस मामले पर 17 जुलाई को सुनवाई हुई थी। उस दिन भी महाराष्ट्र सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में तर्क दिए गए थे, लेकिन कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं हुआ था।
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था, आखिर संजय दत्त ने ऐसे कौन से अच्छे काम किए जिसकी वजह से उन्हें जल्दी रिहा कर दिया गया। इसके साथ ही ये सवाल भी किया था कि उन्हें कैसे पता चला की संजय दत्त का जेल में बर्ताव अच्छा था। उन्हें इस बात को चेक करने का समय कब मिला जबकि आधे टाइम तो वो पैरोल पर जेल से बाहर ही थे।