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मुंबई: सुपरस्टार शाहरुख खान ने प्रेम कहानियों पर आधारित फिल्में करने के लिए खुद को प्रेरित करने का श्रेय लोकप्रिय फिल्म निर्माता यश चोपड़ा को दिया है।‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘कुछ कुछ होता है’, ‘मोहब्बतें’, ‘दिल तो पागल है’, ‘देवदास’, ‘वीर जारा’ और ‘जब तक है जान’ जसी फिल्मों में अभिनय करने के कारण वषरें से शाहरख को ‘किंग ऑफ रोमांस’ कहा जाता है। नेशनल यश चोपड़ा मेमोरियल अवॉर्ड लेते हुए खान ने कहा, ‘मैंने यश चोपड़ा जी के साथ काम ‘डर’ फिल्म के साथ शुरू किया था, जिसमें मैं एक बुरा लड़का बना था।’ अभिनेता ने बताया, ‘यश जी मुझे कह रहे थे कि जब तक मैं प्रेमी का किरदार निभाना शुरू नहीं करता हूं तब तक मेरे लिए पेशेवर तौर पर कुछ भी बदलने नहीं जा रहा है।’’ खान का कहना है कि वह शुरआत में पर्दे पर प्रेमी का किरदार अदा करने से बचते थे। अभिनेता ने कहा, ‘मैं पर्दे पर प्रेम में डूबा रहने वाले लड़के का किरदार निभाना नहीं चाहता था क्योंकि मुझे लगता था कि मैं रोमांस में अच्छा नहीं हूं। मैं मानता था कि मैं आकषर्क नहीं हूं। लेकिन यश जी मुझे लगातार इस बारे में कहते रहे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मैं इस तरह का किरदार नहीं निभाता हूं तो मेरा करियर आगे नहीं बढ़ पाएगा।’’ खान ने चोपड़ा को पितातुल्य बताते हुए कहा कि अगर वह नहीं होते तो ‘‘मैं कभी कश्मीर नहीं जा पाता।’ अभिनेता ने कहा, ‘मेरी मां कश्मीरी है। मेरे पिता ने मुझसे कहा था कि तुम मेरे बिना कश्मीर नहीं जाना। इसलिए मैं वहां कभी नहीं गया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने मुझे वहां बुलाया था लेकिन मैंने उन्हें भी मना कर दिया।’ उन्होंने कहा, ‘मैं तब तक वहां नहीं गया जब तक कि यशजी ने ‘जब तक है जान’ बनाने का निर्णय नहीं ले लिया।

इसलिए सबसे खूबसूरत जगह मैं मेरे पिता (यश चोपड़ा का संदर्भ) के साथ गया और अपने परिवार के साथ गया।’

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