नई दिल्ली: रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु कंपनियों के लिए सोना बन गई हैं। नौ दिनों में सिंधु की ब्रैंड वैल्यू 10 गुना बढ़ गई है। रियो ओलंपिक से पहले जो कंपनियां इनकार कर रही थी, वही अब उन्हें अपने उत्पाद के साथ जोड़ने में जुटी हैं। ब्रैंड और व्यापार रणनीति के विशेषज्ञ हरीश बिजूर का कहना है कि सिंधु की ब्रैंड वैल्यू 20 लाख से बढ़कर दो करोड़ हो गई है। ब्रैंड वैल्यू के मामले में उन्होंने साइना नेहवाल समेत सभी ओलंपिक पदक विजेताओं को पीछे छोड़ दिया है। साइना की ब्रैंड वैल्यू एक करोड़ है हालांकि उनके पास एक दर्जन से अधिक ब्रैंड एंडोर्समेंट हैं। साल 2013 और 2014 के वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के बावजूद पीवी सिंधु को कई कंपनियों ने अपना ब्रैंड एम्बेसडर बनाने से मना कर दिया था। सिंधु के पास कई प्रस्ताव : सिंधु के ब्रैंड प्रबंधन की देखरेख कर रही 'बेसलाइन वेंचर्स' के सह संस्थापक रामकृष्णन ने कहा कि हमें सिंधु के प्रायोजन के लिए काफी प्रस्ताव मिले हैं। ब्रैंड को बनाने में समय लगता है, इसलिए हम धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहते हैं। इससे सिंधु की ब्रैंड वैल्यू भी बढ़ेगी, जो काफी अहम है। ओलंपिक से पहले सिंधु का दो कंपनियों से करार हुआ था। ओलंपिक व्यस्त होने के कारण इसकी घोषणा नहीं हो पाई थी। सितंबर के दूसरे हफ्ते घोषणा होगी। ब्रैंड वैल्यू मतलब : कंपनियां खिलाड़ियों के प्रदर्शन और उपलब्धियों के आधार पर उनका मूल्यांकन करती हैं।
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