नई दिल्ली: ऐसा लगता है कि भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का नसीब कुछ खराब है। टूर्नामेंट में भारत को बहुत ही बेहतरीन शुरुआत दी। एकदम धमाका, लेकिन बस दुर्भाग्य की बात यही रही कि वह धमाकेदार शुरुआत करने के बावजूद इसे बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर सके। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में रोहित ने 31 गेंदों पर चार चौकों और तीन छक्कों से 47 रन बनाकर आउट हुए, स्टेडियम में सन्नाटा छा गया, वहां जमा लाख से ज्यादा फैंस ने माथा पकड़ लिया। लेकिन आउट होने से पहले रोहित ने ठीक वही सुर लगाया, जो पिछले दस मैचों में लगाया था। असर का सुर, तेज शुरुआत का सुर। बहरहाल, रोहित आउट जरूर हुए, लेकिन वे ऐसे तीन कारनामे कर गए, जो भारतीय फैंस या रोहित के चाहने वालों को हमेशा याद रहेंगे।
विश्व कप में सबसे ज्यादा 31 छक्के जड़े
रोहित की आलचोना भला कौन करेगा। 11 पारियों में 54.27 के औसत से 597 रन बनाए। स्ट्राइक रेट 125.94 का रहा है। एक शतक और तीन पचासे और हां टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 31 छक्कों भी जड़े।
रोहित ने यह साबित कर दिया कि वह वास्तव में हिटमैन हैं। उनके बाद नंबर वॉर्नर (24) और श्रेयस अय्यर (24) का है।
बतौर कप्तान सबसे ज्यादा रन
रोहित ने टूर्नामेंट में 597 रन बनाए। बता दें कि विश्व कप के किसी एक संस्करण में यह किसी कप्तान द्वारा बनाए गए सबसे ज्यादा रन हैं। रोहित ने इस कारनामे से अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया। इसके साथ ही रोहित ने केन विलियमसन (578 रन, 2019), महेला जयवर्द्धने (548 रन, 2007), रिकी पोंटिंग (539 रन, 2007) और एरॉन फिंच (507 रन, 2019) को पीछे छोड़ दिया।
इस कारनामे के क्या कहने
अगर चार सौ रनों को आधार बनाया जाए, तो इस स्कोर पर रोहित शर्मा दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइक-रेट निकाला। रोहित ने टूर्नामेंट में पहले से लेकर दसवें ओवर तक 135 के स्ट्राइक-रेट से 401 रन बनाए और यह बताने के लिए काफी है कि रोहित को हिटमैन यूं ही नहीं कहा जाता है। इस बात को रोहित ने बार-बार साबित किया है, तो इस वर्ल्ड कप में भी मुहर लगा दी।