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बेंगलुरु: मध्य प्रदेश और मुंबई के बीच रणजी ट्रॉफी का फाइनल मुकाबले बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जा रहा है। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए मुंबई ने सरफराज खान के शतक के दम पर 374 रन बनाए। इसके जवाब में मध्य प्रदेश ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक अपनी पहली पारी में 3 विकेट के नुकसान पर 368 रन बना लिए हैं। एमपी के लिए यश दुबे और शुभम शर्मा ने शतक जड़े हैं। मध्य प्रदेश की टीम अभी भी 6 रनों से पिछड़ी हुई है। लेकिन एक बार टीम ने पहली पारी में बढ़त हासिल कर ली तो उसके पहले रणजी ट्रॉफी खिताब जीतने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। क्योंकि नियम के मुताबिक रणजी ट्रॉफी का फाइनल ड्रॉ होता है तो पहली पारी की बढ़त के आधार पर विजेता का फैसला होगा और ऐसे में मध्य प्रदेश के खिताब जीतने की ज्यादा उम्मीदें हैं।

फाइनल में दो दिन का खेल शेष रहते मध्य प्रदेश पहली पारी में मुम्बई से मात्र छह रन पीछे है और उसने पहली बार रणजी खिताब जीतना भी सुनश्चिति कर लिया है। मुम्बई ने पहली पारी में 374 रन बनाये थे।

यश दुबे ने 336 गेंदों पर 133 रन में 14 चौके लगाए जबकि शुभम ने 215 गेंदों पर 116 रन में 15 चौके और एक छक्का लगाया। स्टंप्स के समय रजत पाटीदार 67 और कप्तान आदत्यि श्रीवास्तव 11 रन बनाकर क्रीज पर हैं।

मुम्बई के 374 के जवाब में बल्लेबाज़ी करने उतरी एमपी की शुरुआत भी बढ़िया रही। उन्होंने दूसरे पूरे दिन में 41 ओवरों तक बल्लेबाज़ी की और 123 रन बनाए और सिर्फ एक ही विकेट गंवाया। इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए तीसरे दिन दोनों बल्लेबाजों ने न केवल अपने अर्धशतक पूरे किये बल्कि शतक पूरे करने के साथ साथ दोहरी शतकीय साझेदारी भी कर डाली।

मध्य प्रदेश का दूसरा विकेट मोहित अवस्थी को मिला जन्हिोंने शुभम को विकेटकीपर के हाथों कैच कराया। मध्य प्रदेश का दूसरा विकेट 269 के स्कोर पर गिरा। यश ने रजत पाटीदार के साथ तीसरे विकेट के लिए 72 रन जोड़े।

यश 133 रन बनाकर टीम के 341 के स्कोर पर शम्स मुलानी की गेंद पर आउट हुए। लेकिन तब तक वह टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा चुके थे। तीसरा विकेट गिरने के बाद पाटीदार ने अपने कप्तान के साथ टीम को कोई और नुकसान नहीं होने दिया और मुम्बई के स्कोर के करीब पहुंच गए।

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