हरारे: कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में युवा टीम इंडिया ने जिम्बाब्वे को दूसरे वनडे में 8 विकेट से शिकस्त देकर तीन मैचों की सीरिज को अपने नाम कर लिया है। हरारे वनडे में 127 रनों का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत अच्छी रही. हालांकि 15वें ओवर में लोकेश राहुल 33 रन बनाकर चिबाबा की गेंद पर पवेलियन लौट गए। जीत से तीन रन पहले ही टिककर खेल रहे केके नायर भी सिकंदर रज़ा की गेंद पर 39 रन बनाकर आउट हो गए। अंबाती रायडू 41 और मनीष पांडे 4 रन बनाकर नाबाद रहे। भारत के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी युवा ब्रिगेड के दम पर 20 महीने के लंबे अंतराल के बाद अपनी कप्तानी में वनडे सीरीज जीती है। धोनी की कप्तानी में भारत ने आखिरी बार अक्टूबर 2014 में घरेलू जमीन पर वेस्टइंडीज से एकदिवसीय सीरीज जीती थी। टीम इंडिया के युवा गेंदबाजों ने जिम्बाब्वे को एक समय तीन विकेट पर 106 रन की शानदार स्थिति को 34.3 ओवर में 126 रन पर ढेर कर दिया। भारत को इस आसान स्कोर का पीछा करने में कोई परेशानी नहीं हुई। भारत ने 26.5 ओवर में दो विकेट पर 129 रन बनाकर एकतरफा जीत हासिल कर ली। भारत ने पहला वनडे नौ विकेट से जीता था। पिछले मैच के शतकधारी लोकेश राहुल 50 गेंदों में चार चौकों की मदद से 33 रन बनाकर आउट हुए।
राहुल ने इस तरह वनडे में पहली बार आउट होने से पहले सर्वाधिक रन बनाने का रिकार्ड बना दिया। राहुल ने वनडे में पहली बार आउट होने से पहले 133 रन बनाये जबकि इससे पहले यह रिकार्ड डब्ल्यू रमन के नाम 103 रन का था। राहुल ने पिछले मैच में नाबाद 100 रन बनाये थे और पदार्पण वनडे में वह शतक बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे। राहुल और करूण नायर ने पहले विकेट के लिये 14.4 ओवर में 58 रन की साझेदारी की। राहुल के आउट होने के बाद नायर और अंबाती रायडू ने दूसरे विकेट के लिये 12 ओवर में 67 रन जोड़कर भारत को जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया। नायर ने 68 गेंदों पर 39 रन की पारी में पांच चौके लगाये। मनीष पांडे ने रजा के इसी ओवर की आखिरी गेंद पर विजयी चौका मारा। रायडू ने 44 गेंदों पर नाबाद 41 रन की पारी में सात चौके लगाये। भारतीय युवा खिलाड़यिों ने इस तरह लगातार दूसरे मैच में शानदार प्रदर्शन किया। चहल को उनकी बेहतरीन गेंदबाजी के लिये मैन आफ द मैच का पुरस्कार मिला। उन्होंने करियर के दूसरे ही मैच में यह पुरस्कार हासिल किया। इससे पहले लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल (तीन विकेट) और तेज गेंदबाजों र्बंरदर शरण तथा धवल कुलकर्णी (दो-दो विकेट) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारत ने जिम्बाब्वे को 34.3 ओवर में मात्र 126 रन पर ही ढेर कर दिया। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने लगातार दूसरी बार टॉस जीतकर जिम्बाब्वे को पहले बल्लेबाजी का मौका दिया लेकिन भारतीय गेंदबाजों के सामने मेजबान टीम पूरे 5० ओवर भी मैदान पर टिकने का जज्बा नहीं दिखा सकी। जिम्बाब्वे की खराब बल्लेबाजी का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि केवल तीन खिलाड़ी ही दहाई के आंकड़े तक पहुंच सके। वूसी सिबांदा ने 53 रन की अर्धशतकीय पारी खेलकर टीम को 100 रन के पार पहुंचाने में मदद की। 32 वर्षीय सिबांदा ने 69 गेंदों में छह चौके और एक छक्का लगाकर 53 रन बनाये। यह उनका 21वां अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक है। चामू चिबाबा ने 21 रन और सिकंदर रजा ने 16 रन बनाये। ओपनर हैमिल्टन मसकाद्जा ने नौ रन, पीटर मूर ने एक रन, एल्टन चिगुंबुरा शून्य, रिचमंड मुतुम्बानी दो, कप्तान ग्रीम क्रेमर सात, तेंदई चतारा दो और ताउराई मुजारबानी पांच रन बनाकर आउट हुए। सीन विलियम्स एबसेंट हर्ट रहे। स्पिनर युजवेंद्र ने छह ओवर में 25 रन देकर सर्वाधिक तीन विकेट निकाले। र्बंरदर ने 17 रन पर दो और धवल ने 31 रन पर दो विकेट लिए। जसप्रीत बुमराह और अक्षर पटेल ने एक एक विकेट अपने नाम किया और इस तरह सभी भारतीय गेंदबाजों ने सफलता हासिल की।