नई दिल्ली: रवि शास्त्री भारतीय क्रिकेट टीम के निदेशक के रूप में अपने 18 महीने के कार्यकाल को अपनी जिंदगी का ‘सबसे अधिक यादगार दौर’ करार दिया लेकिन वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं कि क्या वह अपने अनुबंध का नवीनीकरण चाहते हैं। शास्त्री से जब भारतीय टीम के साथ उनके कार्यकाल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने से कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं कि मैंने भारतीय क्रिकेट के साथ खिलाड़ी और फिर टीम निदेशक के रूप में जो समय बिताया उनमें ये 18 महीने सर्वश्रेष्ठ रहे। इस दौरान टीम ने जो कुछ हासिल किया यदि उस पर गौर करें तो यह मेरी जिंदगी का सबसे यादगार दौर था। इसे विशेष बनाने का श्रेय खिलाड़ियों को जाता है।’ शास्त्री से पूछा गया कि यदि बीसीसीआई विज्ञापन देता है तो क्या वह मुख्य कोच पद के लिये आवेदन करेगा तो उन्होंने अपने अंदाज में इसका जवाब दिया, ‘मैं केवल आईपीएल फाइनल के एक्रीडेशन के लिये आवेदन करूंगा।’ शास्त्री ने अगस्त 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में 1-3 की हार के बाद टीम निदेशक का पद संभाला था और वह इस साल के शुरू में आईसीसी टी20 तक इस पद पर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘हां, खिलाड़ी के रूप में मैं सफल रहा।
मुझे 1985 की विश्व क्रिकेट चैंपियनशिप और 1983 का विश्व कप अच्छी तरह से याद है लेकिन टीम निदेशक के रूप में टीम के साथ बिताया गया समय खास था। इस दौर के कुछ प्रदर्शन पर गौर करो।’