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नई दिल्ली: फ्लिपकार्ट समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बिन्नी बंसल ने मंगलवार को गंभीर व्यक्तिगत कदाचार के आरोपों के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया। फ्लिपकार्ट की नई पैतृक कंपनी वॉलमार्ट ने यह जानकारी दी। वॉलमार्ट ने बयान में कहा कि बंसल ने हालांकि कड़े शब्दों में इन आरोपों का खंडन किया है। उल्लेखनीय है कि बिन्नी बंसल और सचिन बंसल ने संयुक्त रूप से देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेल कंपनी फ्लिपकार्ट की स्थापना की थी।

बयान में कहा गया है कि बिन्नी ने तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बयान में कहा गया है, बिन्नी ने इस्तीफा देने का फैसला फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट की ओर से स्वतंत्र रूप से गंभीर व्यक्तिगत कदाचार के आरोपों की जांच के बाद दिया है। हालांकि उन्होंने इन आरोपों का खंडन किया है। हालांकि, यह हमारी जिम्मेदारी है कि यह जांच ठीक से और गहन तरीके से हो।

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार के बीच नीतिगत मामले को कई हफ्तों से जारी तल्खी दूर होने के संकेत मिल रहे हैं। सूत्रों की मानें 9 नवंबर को आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इसमें गतिरोध दूर करने के फार्मूले पर चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि उर्जित पटेल गत शुक्रवार को नई दिल्ली में थे और उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद अब आरबीआई छोटे और मझोले उद्योगों के लिए ऋण की विशेष व्यवस्था करने पर सहमत हो सकता है। लेकिन क्या गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी)को पूंजी मुहैया कराने पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। आरबीआई के रिजर्व कोष को कम करने पर भी सहमति नहीं बनी।

इस फार्मूले से बन सकती बात

सूत्रों की मानें तो गतिरोध को समाप्त करने के लिए दोनों पक्षों में एक फार्मूले पर सहमति है। इसके मुताबिक आरबीआई त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढ़ांचे से कुछ बैंकों को बाहर कर सकता है। ताकि वे अधिक कर्ज वितरित कर सकें।

नई दिल्ली: सरकार और रिजर्व बैंक के बीच जारी खींचतान के बीच 19 नवंबर को केंद्रीय बैंक के निदेशक मंडल की होने जा रही बैठक के हंगामेदार होने का अनुमान है। सूत्रों के अनुसार कुछ सदस्य बैठक में पूंजी रूपरेखा ढांचे, अधिशेष का प्रबंधन तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) के लिये तरलता आदि से जुड़े मुद्दे उठा सकते हैं। वित्त मंत्रालय द्वारा रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा सात के तहत चर्चा शुरू करने के बाद रिजर्व बैंक और सरकार के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। इस धारा का इस्तेमाल आज तक कभी नहीं किया गया है। इस धारा के तहत सरकार को इस बात का विशेषाधिकार मिलता है कि वह किसी मुद्दे पर रिजर्व बैंक के गवर्नर को निर्देश दे सके।

रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने पिछले महीने एक भाषण में केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता के बारे में बातें की थी। उन्होंने कहा था कि रिजर्व बैंक की स्वायत्तता से किसी भी तरह का समझौता अर्थव्यवस्था के लिये विनाशकारी हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, निदेशक मंडल की बैठक पूर्वनिर्धारित होती है तथा बैठक का एजेंडा भी काफी पहले तय कर लिया जाता है। हालांकि, निदेशक मंडल के सदस्य तय एजेंडे से इतर वाले मुद्दे भी उठा सकते हैं।

नई दिल्ली: नोटबंदी के दो साल बाद भी बैंक कर्मचारियों को उस समय देर रात तक काम करने के बदले में अभी तक कोई भुगतान नहीं किया गया। कर्मचारियों को पैसे कम पड़ने पर अपनी जेब से भरने पड़े और वे अभी भी बेहाल हैं। नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) ने यह परेशानी बताई है।

बैंक कर्मचारियों के इस संगठन के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा, नोटबंदी का दर्द सबने झेला। इसकी सबसे ज्यादा मार बैंक कर्मचारियों पर पड़ी। उन्होंने देर रात तक बैंकों में काम किया। उन्हें छुटि्टयां नहीं मिली और जो पैसा कम हुआ उसे उन्होंने अपनी जेब से भरा, लेकिन सबसे दुख की बात ये है कि दो साल बीत जाने के बाद भी उन्हें उनके अतिरिक्त काम के एवज में कोई भुगतान नहीं किया गया है।

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