नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों में कमी आने की पूरी संभावना है। इसकी बड़ी वजह यह है कि एक तरफ जहां अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत लगातार 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बनी हुई हैं, वहीं देश की सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी ) ने वर्ष 2023-24 के पहले नौ महीनों में अभी तक का रिकॉर्ड मुनाफा (34,781.15 करोड़ रुपये) कमाया है।
तेल कंपनियों को हो रहा भारी मुनाफा
देश की पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों को पेट्रोल पर 11 रुपये और डीजल पर छह रुपये प्रति लीटर का मुनाफा हो रहा है। अब देखना होगा कि कंपनियां खुदरा कीमतों में एकमुश्त कटौती करती हैं या फिर रोजाना खुदरा कीमतों में बदलाव करने की पुरानी नीति पर लौटती हैं।
सात अप्रैल, 2022 के बाद सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। वर्ष 2022 के शुरुआत में यूक्रेन विवाद की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतें काफी अस्थिर रही थीं और जुलाई, 2022 में इसकी कीमत 114 डॉलर प्रति बैरल तक गई थीं।
हालांकि, उसके बाद कीमतें लगातार नीचे ही रही हैं।
चालू वित्त वर्ष की बात करें तो सबसे ज्यादा कीमत भारत ने सितंबर, 2023 में 93.54 डॉलर प्रति बैरल की अदा की है। सबसे सस्ती मासिक कीमत 77.42 डॉलर प्रति बैरल रही थी। जनवरी, 2024 में अभी तक औसत कीमत 78.19 डॉलर प्रति बैरल रही है। इसका असर आईओसी के वित्तीय परिणाम पर भी साफ दिखाई दे रहा है।
आईओसी को कितना मुनाफा हुआ?
अक्टूबर से दिसंबर, 2023 की तिमाही में इसने उत्पादों की बिक्री से कुल 11,428.88 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया है। अक्टूबर-दिसंबर, 2022 में कंपनी ने सिर्फ 1145 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया था। तब कंपनी को पेट्रोल व डीजल की बिक्री घाटे पर करनी पड़ी थी। इस आंकड़ें को देखकर ही इस बात की संभावना मजबूत हुई है कि पेट्रो उत्पादों की कीमतें कम की जाएंगी। पिछली तिमाही में आईओसी को 8063 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 448.01 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था।