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नई दिल्ली: ट्रक चालकों की हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को उत्तर और पश्चिम भारत के करीब दो हजार पेट्रोल पंपों में ईंधन खत्म हो गया। पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े लोगों ने बताया कि सरकारी तेल कंपनियों ने ट्रक चालकों की हड़ताल की आशंका के चलते देश भर के अधिकांश पेट्रोल पंपों पर टैंक भर दिए थे, लेकिन राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब में कुछ पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ के कारण ईंधन खत्म हो गया है।

आंदोलन बढ़ा तो बढ़ सकती है परेशानी

इन राज्यों में ईंधन का भंडार खत्म होने की आशंका पैदा हो गई है, जिससे कई पंपों पर लंबी कतारें देखी गईं। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में स्थिति बेहतर है और हैदराबाद में कुछ पंपों को छोड़कर ईंधन की आपूर्ति में कोई बड़ी बाधा नहीं आई है।

अगर तीन दिन की हड़ताल का समय बढ़ाया जाता है या देशभर में आंदोलन शुरू होता है, तो सब्जियों, फलों और दूध जैसे आवश्यक उत्पादों की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है।

बता दें कि ‘हिट-एंड-रन' (दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाना) मामलों के लिए केंद्र सरकार के नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत जेल और जुर्माने की सजा के कड़े प्रावधान हैं। जिसके खिलाफ कुछ ट्रक, बस और टैंकर संचालकों ने सोमवार को तीन दिवसीय हड़ताल शुरू की।

हड़ताल का समय बढ़ाने पर होगी परेशानी

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने अब तक राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान नहीं किया है और इसके प्रतिनिधि बीएनएस के बारे में अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मिलेंगे। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन में ट्रक संचालकों के अलग-अलग संघ शामिल हैं।

पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि ज्यादातर पेट्रोल पंपों पर दो-तीन दिनों तक का भंडार है और अगर हड़ताल घोषणा के मुताबिक, तीन दिनों तक चलती है तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हड़ताल का समय बढ़ाया गया या पूरे देश में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया तो परेशानी होगी।

नए कानून में 10 साल की सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले वाहन चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।

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