नर्ई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव अब केवल 4 महीने दूर है तो मोदी सरकार इस महाचुनाव से पहले महंगाई को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। ऐसे में सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने मार्च 2024 तक प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने का फैसला किया है।
डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने इस फैसले को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, प्याज के एक्सपोर्ट पॉलिसी में संशोधन करते हुए उसे फिर से प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन का फैसला शुक्रवार 8 दिसंबर, 2023 से लागू हो चुका है। डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के मुताबिक 8 दिसंबर 2023 को खुदरा बाजार में प्याज की औसत कीमत 56.82 रुपये प्रति किलो है। जबकि 8 दिसंबर 2022 को औसतन प्याज की कीमत 28.88 रुपये प्रति किलो थी। एक साल में प्याज की कीमतों में करीब दोगुना (97 फीसदी) उछाल आ चुका है।
हालांकि सरकार ने कहा कि तीन परिस्थितियों में प्याज के एक्सपोर्ट को लेकर छूट दी जा सकती है। जिसमें पहला नोटिफिकेशन के जारी होने से पहले जहाज पर प्याज की लोडिंग की जा चुकी हो। दूसरा, नोटिफिकेशन के जारी होने से पहले शिपिंग बिल भरा जा चुका हो वेसल पोर्ट पर प्याज की लोडिंग के लिए पहुंच चुका हो। इस परिस्थिति में एक्सपोर्ट की अप्रूवल तभी मिलेगा, जब अथॉरिटी ये कंफर्म कर दे कि जहाज की बर्थिंग की जा चुकी है और तीसरी परिस्थिति ये कि एक्सपोर्ट किया जाने वाला प्याज कस्टम को सौंपा जा चुका हो और सिस्टम में उसकी रजिस्ट्री हो चुकी हो। ये छूट केवल 5 जनवरी 2024 तक ही मिलेगी।
असमान बारिश और खरीफ प्याज की बुआई में देरी होने के कारण प्याज की खेती का रकबा कम रहा और फसल देर से पहुंची। दो दिन पहले ही क्रिसिन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि महंगे प्याज के चलते शाकाहारी भोजन करने वालों की थाली महंगी हुई है। इससे पहले केंद्र सरकार गेहूं, चावल, चीनी के निर्यात पर भी रोक लगा चुकी है। गुरुवार को सरकार ने चीनी की कीमतों में उछाल के बाद गन्ने से एथेनॉल बनाने पर रोक लगा दी है। जिससे घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में कमी लाई जा सके।