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नई दिल्ली: केंद्र सरकार की अगले साल होने वाले आम चुनाव 2024 से पहले लगभग 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों तथा 67.95 लाख पेंशनभोगियों के लिए आठवां वेतन आयोग गठित करने की कोई योजना नहीं है। यह बयान वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन ने दिया है।

दरअसल, अतीत में आम चुनाव से पहले केंद्र सरकारें अपने कर्मियों, सशस्त्रबल कर्मियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को लुभाने के लिए वेतन आयोगों के गठन या उनकी सिफ़ारिशों को लागू करने को असरदार औज़ार की तरह इस्तेमाल करती रही हैं। वर्ष 2013 के सितंबर माह में, कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव तथा आम चुनाव 2014 से कुछ ही माह पहले, कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने 7वां वेतन आयोग गठित किया था।

बहरहाल, बीजेपी ने ऐसे किसी भी कदम से परहेज़ किया है और उसके स्थान पर नई पेंशन योजना की समीक्षा पर फोकस किया है। जो राज्यों और केंद्र सरकार के नए कर्मचारियों के लिए विवाद का विषय बन चुकी है।

वर्तमान पेंशन योजना के अंतर्गत कर्मचारी अपने मूल वेतन (बेसिक पे) का 10 फ़ीसदी योगदान दिया करते हैं, जबकि सरकार उसी खाते में कर्मचारी के मूल वेतन का 14 फ़ीसदी जमा किया करती है। यह योजना राजनीतिक रूप से विवादों को जन्म दे चुकी है और विपक्ष-शासित कई राज्य सरकारें पुरानी पेंशन योजना की तरफ़ जा रही हैं। जिनके अंतर्गत पेंशनभोगी को उसके अंतिम मासिक वेतन के 50 फ़ीसदी की गारंटी मिलती है और वह भी कर्मचारी की ओऱ से किसी भी योगदान के बिना।

सरकार ने पेंशन प्रणाली की समीक्षा के लिए वित्त सचिव के नेतृत्व में समिति का गठन किया था। जिसके बारे में टी.वी. सोमनाथन ने कहा, "हमने सभी संबद्ध पक्षों के साथ सलाह-मशविरा पूरा कर लिया है और हमारी रिपोर्ट जल्द ही दाखिल हो जाएगी।"

माना जा रहा है कि सरकार कुछ बदलाव कर यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर सकती है कि प्रत्येक कर्मचारी को उनके अंतिम वेतन का कम से कम 40 से 45 फ़ीसदी हिस्सा पेंशन के तौर पर हासिल हो।

आम चुनाव बेहद करीब हैं, सो, भले ही पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे कुछ भी हों, वित्त मंत्रालय पर 8वें वेतन आयोग की घोषणा तथा अधिसूचित करने के लिए राजनीतिक तौर पर दबाव बढ़ता जा रहा है। वैसे, रविवार, 3 दिसंबर को घोषित होने जा रहे पांच राज्यों के चुनाव परिणामों को मोटे तौर पर लोकसभा चुनाव 2024 का सेमीफाइनल माना जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए मैदान में होंगे।

 

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