नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का असर सरकारी योजनाओं पर भी पड़ने लगा है। केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष (2020-21) में कोई भी नई सरकारी योजना की शुरुआत नहीं करने का फैसला लिया है। वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों को नई योजनाओं को इस वित्त वर्ष तक नहीं शुरू करने को कहा है। हालांकि, सरकार ने आत्म निर्भर भारत अभियान और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनाओं पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई है। सरकार ने साफ किया है कि अगले आदेश तक विभिन्न मंत्रालय नई योजनाओं की शुरुआत नहीं कर सकते हैं और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना या आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
मालूम हो कि सप्लाई चेन को दुरुस्त करने के लिए बीते दिनों मोदी सरकार ने 20 लाख 97 हजार 53 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार पांच दिनों तक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार द्वारा उठाए गए सभी महत्वपूर्ण कदमों की विस्तार से जानकारी दी थी। सरकार ने समाज के आखिरी तबके पर खड़े लोगों तक मदद पहुंचाने का दावा किया है।
अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार ने किसान, प्रवासी मजदूर, कॉर्पोरेट सेक्टर, आदि के लिए हर जरूरी कदम उठाया है।आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत घोषित की गई राशि में से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 1,70,000 करोड़ रुपये की है। वित्त मंत्रालय के पास इन दिनों राजस्व कम आ रहा है। इसलिए सरकार ने ये फैसला लिया है। लेखा महानियंत्रक की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2020 के दौरान सरकार को 27,548 करोड़ रुपये राजस्व मिला, जो बजट अनुमान का 1.2 फीसदी था। जबकि सरकार ने 3.07 लाख करोड़ खर्च किया, जो बजट अनुमान का 10 फीसदी था।
सीआईआई ने किया आगाह
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए सार्वजनिक खर्च बढ़ाने की मांग के बीच आगाह किया है कि सरकार को राजकोषीय घाटे को बढ़ने से रोकने के उपाय करने चाहिए। सीआईआई ने कहा कि राजकोषीय घाटा बढ़ने से देश की रेटिंग घट सकती है। इससे अर्थव्यवस्था को अन्य परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं। सीआईआई ने 2020-21 के अपने एजेंडा दस्तावेज में चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर का कोई अनुमान नहीं लगाया है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस की वजह से देश में लागू हुए लॉकडाउन से पूरी इकॉनमी को तगड़ा झटका लगा है। कई क्षेत्रों में लंबे समय तक काम बंद रहा, जिसके चलते हजारों करोड़ों का नुकसान हुआ। अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने और कोरोना की मार झेल रहे मजदूरों, गरीबों व अन्य लोगों के लिए सरकार ने पिछले दिनों 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था। देश की कुल जीडीपी के दस फीसदी वाले पैकेज में कई वर्गों के लिए महत्वपूर्ण एलान किए गए थे।