नई दिल्ली: देश में जारी कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में एमएसएमई और किसानों के लिए कई अहम फैसले लिए गए। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, नितिन गडकरी और नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक में लिए गये फैसलों की जानकारी दी। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई को पर्याप्त फंड दिया गया है और उन्हें लोन देने के लिए कई योजना बनाई गई है। जावड़ेकर ने कहा कि अब छोटे और मध्यम कारोबार शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि एमएसएमई में नई नौकरियां आएंगी।
जावडे़कर ने कहा कि आज किसानों के लिए बड़े फैसले लिए गए हैं। किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य कुल लागत का डेढ़ गुना रखा जाएगा। इसके साथ-साथ सरकार ने खरीफ की 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 से 83% तक बढ़ाया दिया है। जावड़ेकर ने कहा कि कैबिनेट के फैसले से देश के करोड़ों किसानों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि किसान अब जहां चाहेंगे अपनी फसल बेच सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गरीबों को लेकर सरकार संवेदनशील है।
वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि खेती और उससे जुड़े काम के लिए 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक कर्ज के भुगतान की तिथि 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन अय्यर जी की सिफारिश को पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वीकार किया गया और अमल में लाया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि लागत और मूल्य आयोग की 14 फसलों के लिए सिफारिश आई थी, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमारे देश की जीडीपी में 29 फीसदी योगदान एमएसएमई का होता है। देश में अभी 6 करोड़ एमएसएमई हैं और इस सेक्टर ने 11 करोड़ से ज्यादा रोजगार दिए हैं। उन्होंने कहा कि 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान संकट में पड़े एमएसएमई के लिए किया गया है। इससे संकट में पड़े 2 लाख एमएसएमई को फायदा होगा। इसके साथ-साथ 50 हजार रुपये के इक्विटी का प्रस्ताव भी पहली बार आया है।