नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने आयकर रिटर्न फाइल करने की तारीख आगे बढ़ा दी है। अब लोग 31 अगस्त 2019 तक अपने रिटर्न फाइल कर सकेंगे। पहले आईटीआर भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी। इससे अब लोगों को एक महीने का अतिरिक्त समय मिल गया है। केंद्र सरकार की और से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने यह फैसला लिया है। इससे लोगों को एक अगस्त से रिटर्न फाइल करने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना नहीं देना पड़ेगा।
आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए इंडिविजुअल्स, हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) और जिन लोगों के खातों की ऑडिटिंग की जरूरत नहीं है, इन तीनों ही वर्गों के लिए आखिरी तारीख 31 अगस्त 2019 हो गई है। लेकिन कंपनी और कंपनी के वर्किंग पार्टनर्स जैसे अन्य वर्गों के लिए 31 जुलाई आखिरी तारीख नहीं है।
इन वर्गों के लिए 30 सितंबर है आखिरी तारीख
ऐसी कंपनियां, फर्म का वर्किंग पार्टनर, इंडिविजुअल या अन्य एंटिटि जिनके अकाउंट्स की ऑडिटिंग जरूरी है, उनके लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिन तिथि 30 सितंबर है। वहीं ऐसे असेसीज जिन्हें सेक्शन 92ई के तहत रिपोर्ट देनी होती है, उनके लिए अंतिम तिथि 30 नवंबर है। बता दें कि सेक्शन 92ई के तहत रिपोर्ट तब जमा कराना पड़ता है जब टैक्सपेयर ने संबंधित वित्त वर्ष में दूसरे देश से लेनदेन किया है। क्या होता है आकलन वर्ष ? आकलन वर्ष का मतलब उस वित्त वर्ष के अगले वर्ष से है जिस वित्त वर्ष की आमदनी का आकलन किया जा रहा हो। इसी वर्ष में आप पिछले वित्त वर्ष का आईटीआर फाइल करते हैं। जैसे वित्त वर्ष 2019-20 का आकलन वर्ष 2020-21 होगा।
लगेगा इतना जुर्माना
समयसीमा के बाद आईटीआर फाइल करने पर जुर्माना लगेगा। 31 अगस्त 2019 के बाद लेकिन 31 दिसंबर 2019 से पहले आईटीआर फाइल करने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। वहीं एक जनवरी से 31 मार्च 2020 तक आईटीआर फाइल करने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा।