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बीजिंग: चीन ने कहा है कि वह द्विपक्षीय व्यापार असंतुलन से जुड़ी भारत की चिंताओं का सम्मान करता है और इस मुद्दे के समाधान के लिए नये दृष्टिकोण के साथ बातचीत करना चाहता है। अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध का सामना कर रहे चीन ने 'एकतरफावाद और संरक्षणवाद' के खिलाफ उसकी लड़ाई में भारत से सहयोग का आग्रह किया है। भारत लंबे समय से चीन पर अपने दवा बाजार को भारतीय दवा निर्यातकों के लिए खोलने को लेकर दबाव बनाता रहा है ताकि दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार घाटे को पाटने में मदद मिले।

उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच का व्यापार घाटा बढ़कर 57 अरब डॉलर हो गया। भारत में चीन के नये राजदूत सुन वेईडांग ने कहा, ''चीन व्यापार असंतुलन पर भारतीय चिंताओं का बहुत अधिक सम्मान करता है। लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि हमने जानबूझकर ऐसा नहीं किया है। सुन ने कहा कि चीन में भारत से चावल एवं चीनी के आयात को बढ़ाने को कदम उठाये गए हैं। साथ ही भारतीय औषधियों एवं कृषि उत्पादों की मंजूरी के लिए समीक्षा की प्रक्रिया की गति तेज की गयी है।

उन्होंने कहा कि हालिया आंकड़ों के मुताबिक चीन द्वारा भारतीय सामानों का आयात 15 प्रतिशत बढ़ा है और चीन के बाजारों में अधिक भारतीय उत्पादों को स्थान मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से कृषि उत्पादों का निर्यात पिछले साल दोगुना तक बढ़ गया।

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