ताज़ा खबरें
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात की। उन्होंने बैंकों से नीतिगत दर में कटौती का फायदा तेजी से ग्राहकों तक पहुंचाने की अपनी चिंता दोहराई। दास ने "बैंकिंग क्षेत्र में परिलक्षित सुधार को स्वीकार करते हुए कहा कि अब भी बहुत सी चुनौतियां हैं, जिन्हें दूर किया जाना है। इनमें फंसी परिसंपत्तियों का समाधान और जरूरतमंद क्षेत्रों के लिए कर्ज प्रवाह प्रमुख है।"

केंद्रीय बैंक ने वक्तव्य में कहा, "अर्थव्यवस्था में सुस्ती और जरूरतमंद क्षेत्रों के लिए कर्ज की आवश्यकता के बीच बैठक के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इनमें नीतिगत दरों की कटौती का फायदा ग्राहकों को वांछित स्तर से कम पहुंचाना, बैंक कर्ज और जमा में वृद्धि शामिल हैं। इसके अलावा जोखिम मूल्यांकन की मजबूत व्यवस्था और निगरानी मानकों पर भी बातचीत हुई।"

आरबीआई 2019 में अब तक नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती करके उसे 5.75 प्रतिशत पर ले आया है। हालांकि , बैंकों ने इसका पूरा फायदा अब तक ऋण लेने वालों को नहीं पहुंचाया है।

वहीं दूसरी ओर रिजर्व बैंक के आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार बैंकों की ओर से दिया गया कर्ज और बैंक जमा पांच जुलाई को समाप्त पखवाड़े में क्रमश: 12.02 प्रतिशत और 10.32 प्रतिशत बढ़कर 96,975 अरब रुपये और 1,26,746 अरब रुपये पर पहुंच गया। एक साल पहले की इसकी अवधि में बैंकों की ओर से दिया गया कर्ज 86,566 अरब रुपये जबकि बैंकों में जमा 1,14,883 अरब रुपये पर था।

इससे पहले 21 जून को समाप्त पखवाड़े में बैंक कर्ज 12 प्रतिशत बढ़कर 96,485 अरब रुपये और जमा 10.02 प्रतिशत बढ़कर 1,24,905 अरब रुपये पर था। सेवा क्षेत्र को दिए गए कर्ज में वृद्धि भी सुस्त होकर मई में 14.8 प्रतिशत रही। वहीं कृषि एवं उससे संबंद्ध गतिविधियों के लिए दिए कर्ज में वृद्धि 7.8 प्रतिशत रही।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख