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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामले के राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को कहा कि सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए सुरक्षित व सुदृढ़ तंत्र की जरूरत है। वित्त राज्यमंत्री यहां कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) के सातवें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे। 'रोजगार सृजन व सतत विकास लक्ष्य के लिए भारतीय कमोडिटी बाजार का निर्माण' विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में उन्होंने कहा, "कमोडिटी बाजार में सतत रोजगार सृजन के लिए सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए सुरक्षित तंत्र विकसित करने की जरूरत है।"

ठाकुर ने कहा, "यह वक्त है जब हमें मूल्य लेने वाले के बजाय मूल्य तय करने वाला बनना होगा।" उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत हीरा डेरिवेटिव लांच करने वाला पहला देश बना। यह भारतीय कमोडिटी बाजारों की क्षमता को प्रतिबिंबत करता है। उन्होंने कहा कि 2015 से भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) बाजार को नियंत्रित कर रहा है और इसे सुनियोजित करीके से आगे बढ़ाया है।

मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने सभी बाधाओं को दूर करने और कमोडिटी व इक्विटी बाजार को एक समान आधार प्रदान करने का कार्य सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन को प्रोत्साहन देने के लिए कमोडिटी बाजार की भूमिका सुनिश्चित की जानी चाहिए जिसमें एक मजबूत बुनियादी ढांचा शामिल है।

ठाकुर ने कहा कि एक्सपायरी की तारीख पर अनिवार्य डिलीवरी से वेयरहाउस, वॉल्टस के साथ-साथ गुणवत्ता प्रमाणन को बढ़ावा मिलेगा जिससे रोजगार का सृजन होगा। इस मौके पर विशेषज्ञों ने कृषि बाजार का आधुनिकीकरण करने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का विकल्प तलाशने के विषय पर चर्चा की। ठाकुर ने कहा, ''जिंस बाजार में कीमतें स्वीकार करने वाला देश बनने के बजाय भारत को कीमतें तय करने वाला देश बनना चाहिये, इसके लिये यह उपयुक्त समय है।

हाल ही में भारत पहला ऐसा देश बन गया है जिसने हीरा डेरिवेटिव शुरू किया है। दुनिया में हीरा तराशने और पॉलिश करने के कारोबार में भारत अग्रणी देश है। इससे भारतीय जिंस बाजार की क्षमता का पता चलता है।" वर्ष 2015 से पूंजी बाजार नियामक सेबी ही जिंस बाजार का भी नियमन कर रहा है।

केंद्र की राजग सरकार ने जिंस और शेयर बाजारों के लिए समान धरातल उपलब्ध कराने और सारी बाधाएं दूर करने का वादा किया है। सीपीएआई के अध्यक्ष और संस्थापक तथा एसकेआई समूह के प्रबंध निदेशक नरिन्दर वाधवा ने कहा, ''इस दिशा में हमारा हमेशा ही प्रयास रहा है कि उचित मूल्य की खोज करने और मूल्य जोखिम को समझने में किसानों, उत्पादकों और हेज कारोबारियों को प्रोत्साहित औश्र शिक्षित करते रहें।"

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