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नई दिल्ली: पांच जुलाई को पेश किए गए अपने बजट भाषण पर तीन दिनों की चर्चा के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि इस बार पेश किया गया बजट 10 सालों का विजन है, जिसके लिए सरकार अपनी तरफ से सार्वजनिक व्यय से किसी तरह का कोई समझौता नहीं करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार राजकोषीय लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस बजट के जरिए हमारा लक्ष्य विनिर्माण के क्षेत्र को बढ़ावा देना है। विनिवेश का लक्ष्य 1.05 लाख करोड़ रखने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। यह बजट कृषि और सामाजिक क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

3.3 फीसदी रहेगा राजकोषीय घाटा

वित्त मंत्री ने कहा कि 2019-20 के बजट में राजकोषीय घाटे को जीडीपी का 3.3 फीसदी बनाये रखते हुए कृषि और सामाजिक क्षेत्र में, खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य में पर्याप्त निवेश बढ़ाया जाएगा।

राष्ट्रीय सुरक्षा जितनी महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था

सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था की प्रगति राष्ट्रीय सुरक्षा जितनी ही महत्वपूर्ण है और आश्वस्त किया कि कहीं कटौती नहीं की गयी है। रक्षा, पेंशन और वेतन, राष्ट्रीय सुरक्षा तथा सरकारी प्रतिष्ठानों जैसे मदों में व्यय के लिए बजट अनुमान पर्याप्त और यथार्थपूर्ण है। सीतारमण ने कहा कि यह बजट इस नवनिर्वाचित सरकार की बड़ी तस्वीर पेश करता है जिसे देश की जनता ने मजबूत जनादेश दिया है। इसके परिणामस्वरूप सामने आई यह बड़ी तस्वीर आपको बताती है कि हम अगले 10 साल में क्या करना चाहते हैं।

पांच हजार अरब डॉलर का लक्ष्य

हमने पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए हमने निवेश, अधिक रोजगारों, भारत में व्यापक विनिर्माण और इस क्षेत्र में भारत को केंद्र बनाने के लिए प्रभावी तरीके से बेहतर प्रणाली लाने की बात की है।

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