ताज़ा खबरें
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को पेश किए गए बजट में रेलवे के लिए 65,837 करोड़ रुपए आवंटित किए और उसे पूंजीगत खर्च के लिए अब तक की सर्वाधिक 1.60 लाख करोड़ रुपए की राशि वितरित की गई। रेलवे में पूंजीगत खर्च के लिए पिछले साल 1.48 लाख करोड़ रुपए तय किए गए थे, जबकि बजट आवंटन 55,088 करोड़ रुपए था। बजट में नई पटरियों के निर्माण के लिए 7,255 करोड़ रुपए, गेज परिवर्तन के लिए 2200 करोड़ रुपए, दोहरीकरण के लिए 700 करोड़ रुपए, रॉलिंग स्टॉक के लिए 6,114.82 करोड़ रुपए और सिग्नल एवं दूरसंचार के लिए 1,750 करोड़ रुपए की निधि आवंटित की गई है। ये आवंटन तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल की ओर से फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट के ही समान है।

सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2018 से 2030 तक रेलवे आधारभूत ढांचे को 50 लाख करोड़ रूपये के निवेश की आवश्यकता है। उन्होंने तीव्र विकास एवं यात्री माल ढुलाई सेवा के लिए सरकारी निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा ताकि कनेक्टिविटी बढ़ाई जा सके।

उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे को विशेष उद्देश्य कंपनियों (एसपीवी) के जरिए उपनगरीय रेलवे में निवेश करने और पीपीपी के जरिए मेट्रो रेल नेटवर्क बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।’’

सीतारमण ने कहा कि सरकार माल वहन के लिए नदी मार्ग का उपयोग करने की परिकल्पना भी कर रही है ताकि सड़क एवं रेल मार्ग पर भीड़भाड़ के कारण रूकावटें कम हो सकें। उन्होंने कहा कि इस साल रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण भी आरंभ किया जाएगा। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया है। इस मद पर 3,422.57 करोड़ रुपए का नियोजित खर्च निर्धारित किया गया है जो रेल यात्रियों की सुविधा के लिए करीब 1000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय है।

रेलवे का सबसे बड़ा सिर दर्द इसका राजस्व खर्च रहेगा जिसमें 86,554.31 करोड़ रुपए का अनुमानित वेतन भुगतान शामिल है जो कि पिछले वित्त वर्ष से 14000 करोड़ रुपए अधिक है। बजट में निर्भया फंड के लिए 267.64 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जिसमें एकीकृत आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रबंधन प्रणाली (आईईएमआर) (वीडियो निगरानी प्रणाली) के लिए 250 करोड़ रुपए और कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन के लिए 17.64 करोड़ रुपए का प्रावधान शामिल है।

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सकल यातायात प्राप्तियों के लिए 2,16,675 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया है जो कि वर्ष 2018-19 के संशोधिक अनुमान से 19,961 करोड़ रुपप अधिक है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख