नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने शुक्रवार को कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया अभी इतना नीचे नहीं आया है कि चिंता की जाए। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार को चालू खाता घाटे (कैड) को नियंत्रण में रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अपना राजकोषीय घाटा कम किया है। लेकिन कच्चे तेल की बढ़ी कीमत के कारण चालू खाता घाटा बढ़ा है। उल्लेखनीय है कि 16 अगस्त को रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 70.32 पर पहुंच गया था। यह इसका ऐतिहासिक निचला स्तर था। हालांकि, शुक्रवार को रुपया में सुधार हुआ और यह 20 पैसा सुधरकर 69.91 पर रहा।
राजन ने कहा, आने वाले समय में चुनावों का सामना करने जा रहे भारत और ब्राजील जैसे देशों में व्यापक रूप से स्थायित्व बनाए रखना बड़ी चुनौती है। यूपीए काल के जीडीपी आंकड़े को लेकर विवाद पर राजन ने कहा कि हमें आगे देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत अभी 7.5 फीसदी की दर से बढ़ रहा है।
पूर्व गवर्नर ने कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चालू खाता घाटा नहीं बढ़े और राजकोषीय स्थायित्व बना रहे। बढ़ते एनपीए पर राजन ने कहा कि बैंकों के प्रशासन में सुधार की जरूरत है। जुलाई में भारत का व्यापार घाटा पांच सालों के उच्चतम स्तर 18 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। इस वजह से चालू खाता घाटा बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।
वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सरकार इस वित्तीय वर्ष के राजकोषीय लक्ष्य को हासिल कर लेगी। हालांकि, महंगे क्रूड की वजह से चालू खाता घाटे को लेकर लक्ष्य से पीछे भी रहने की आशंका है।