नई दिल्ली: कुछ ही दिन पहले राष्ट्रीय बायोफ्यूल पॉलिसी को मंजूरी देने के बाद शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वर्ष 2030 तक देश में वाहनों के ईंधन में 20 फीसद बायोफ्यूल का अनिवार्य रूप से मिश्रण करने का नियम लागू होगा। विश्व बायोफ्यूल दिवस पर आयोजित एक भव्य समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कई ऐसी घोषणाएं की हैं, जिससे देश में बायोफ्यूल के उपयोग में वृद्धि होना सुनिश्चित होगा। जैसे देश में 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से एक दर्जन बायोफ्यूल रिफाइनरी लगाने की घोषणा की गई है। सरकार की इस पहल से कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि बायोफ्यूल एक ऐसा कदम है जो एक साथ कई समस्याओं का समाधान करता है। यह गन्ना किसानों की आय काफी बढ़ा सकता है तो साथ ही यह पर्यावरण की रक्षा में भी मदद करेगा। इससे 12 हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत भी हो सकती है। यह बचत कच्चे तेल के आयात में कमी होने से होगी। देश में जो एक दर्जन बायोफ्यूल रिफाइनरी लगाई जाएंगी, वहां आमतौर पर बड़े शहरों के कचरे का भी उपयोग होगा।
सनद रहे कि मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने हाल ही में एक राष्ट्रीय बायोफ्यूल नीति की घोषणा की है जिसमें उक्त सभी लक्ष्य तय किए गए हैं। इसमें बायोफ्यूल के इस्तेमाल के तौर पर गन्ने के साथ ही मक्का, शकरकंद जैसी अन्य फसलों का भी इस्तेमाल करने का रास्ता साफ किया गया है।
विश्व बायोफ्यूल दिवस पर आयोजित समारोह में सरकार की तरफ से देश भर से किसानों, वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों, सरकारी अधिकारियों, सांसदों आदि को आमंत्रित किया गया था। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने अगले चार वर्षों के दौरान देश में एथनॉल का उत्पादन मौजूदा 141 करोड़ लीटर से बढ़ाकर 450 करोड़ लीटर किया जाएगा। इस उत्पादन की खपत के लिए वर्ष 2022 तक वाहन ईंधन में बायोफ्यूल का मिश्रण 10 फीसद सुनिश्चित किया जाएगा। इससे कच्चे तेल के आयात में 12 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी।
भारत अभी कुल तेल खपत का 81 फीसद बाहर से आयात करता है और वर्ष 2022 तक इसमें 20 फीसद की कमी करने का लक्ष्य रखा है। इस अवसर पर पीएम ने किसानों की आय को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसपी में 50 फीसद बढ़ोतरी करने के अपने वादे को पूरा किया है. इससे करोड़ों किसानों को फायदा होगा। 14 खरीफ फसलों के एमएसपी में हाल ही में काफी वृद्धि की गई है जिसकी तारीफ प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने भी की है।