नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा देश में नोटबंदी को लागू किए हुए 11 महीने का वक्त बीत चुका है। इस बीच अब जानकारी निकलकर सामने आई है कि नोटबंदी के दौरान दिन-रात एक कर देने वाले बैंककर्मियों को अभी भी उनके ओवरटाइम का पैसा नहीं मिला है। इससे गुस्साए बैंककर्मियों ने हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। कर्चचारियों ने यहां तक कहा है कि अगर उनकी बात नहीं सुनी जाती हैं तो वे कोर्ट का रुख भी करेंगे।
याद दिला दें कि पिछले साल 8 नवंबर को केंद्र की मोदी सरकार ने 500 और 1000 के पुराने नोट चलन से बंद कर दिए थे। देश की करंसी में इन नोटों की भागीदारी 86 फीसदी थी। जैसे ही नोटबंदी का फैसला लिया गया, पुराने नोटों को जमा कराने या बदलने के लिए बैंकों में लोगों की भीड़ लग गई थी। इन हालातों में बैंक कर्मचारियों को स्थिति काबू में लाने के लिए अपने तय समय से ज्यादा काम करना पड़ा।
इस दौरान उनकी छुट्टियां भी रद्द कर दी गईं थीं। ये स्थिति करीब तीन महीने तक रही थी। इस दौरान ओवरटाइम लगाकर काम करने वाले कर्मचारियों को अभी तक इसका पैसा नहीं मिला है।
खबरों की मानें तो ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉय एसोसिएशन के जनरल सेक्रेट्री सीएच वेंकटचलम ने कहा है कि हम लोगों ने इसकी जानकारी सरकार को दी है। अगर हमारा ओवरटाइम का पैसा नहीं चुकाया जाता है तो हम कड़े उदम उठाएंगे। हम लोग पहले की तरह हड़ताल पर भी जा सकते है। इसके अलावा हम लोग कानूनी विकल्प भी तलाशेंगे।
यूनियनों के मुताबिक किसी भी बैंक ने पूरा पैसा नहीं चुकाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले को वित्त मंत्री अरुण जेटली के संज्ञान में भी लाया गया था और अब श्रम मंत्रालय के साथ अगली बैठक में भी उठाया जाएगा।
यूनियन के दूसरे सदस्य अश्वनी राणा का कहना है कि ये अपने आप में समझ से परे है कि बैंक कर्मचारियों को उनका हक क्यों नहीं दिया जा रहा। इस तरह से बर्ताव से कर्मचारियों का मनोबल को काफी ठेस पहुंचती है।’