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नई दिल्ली: डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी की जेब पर लगातार बोझ बढ़ता जा रहा है। दिल्ली में डीजल की कीमतें अब तक के सबसे ऊंचे भाव 59.14 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच चुकी है। वहीं, पेट्रोल के भाव 70.88 रुपए प्रति लीटर हो गए है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अमेरिकी डॉलर के सामने भारतीय रुपया 6 महीने के निचले स्तर पर आ गया है। साथ ही, इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड के दाम 7 डॉलर प्रति बैरल बढ़ गए है।

इससे सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की लागत बढ़ गई है। इसीलिए कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। सबसे ज्यादा कीमतों पर बिक रहा है डीजल- सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनी आईओसी की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक डीजल की कीमतें अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।

वहीं, कोलकाता में भाव 3 साल के शिखर पर है। इसके अलावा चेन्नई और मुंबई में भी डीजल के दाम अगस्त 2014 के हाई पर है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल में ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए अमेरिका में आए तूफान हरीकेन को जिम्मेदार ठहराया है।

प्रधान ने भरोसा दिया था कि अगले कुछ दिनों में ईंधन की कीमतों में कमी आएगी। लेकिन इसके बावजूद कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री प्रधान ने कहा, ‘अमेरिका में हरीकेन तूफान के कारण हाल में ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी हुई। जैसे ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में कमी होगी, ईंधन की कीमतों में कमी आ जाएगी।’

पेट्रोल और डीजल के मूल्य पिछले 20 सालों से बाजार से जुड़े हुए हैं। पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स में कमी की संभावना के सवाल पर प्रधान ने कहा कि आधारभूत ढांचे के विकास और कल्याणकारी योजनाओं के मद्देनजर करों में कटौती नहीं की जाएगी।

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